भोपाल
कुछ प्रदेशों के कॉलेजों में बुर्का को लेकर खासा विवाद हो चुका है। ताजा मामला भोपाल के सरोजिनी नायडू (नूतन कॉलेज) का है। यहां दो छात्राएं बुर्का पहनकर अंदर गई थीं, जिन्हें कॉलेज प्रबंधन ने रोक दिया था। छात्राओं ने इस मामले को तूल दिया और इसकी शिकायत की। छात्राओं का आरोप था कि उनसे अभद्रता की गई। जबकि संबंधित प्रोफेसर का कहना था कि कॉमन रूम में रखने के लिए कहा गया था। कॉलेज में केवल यूनिफॉर्म में ही छात्राओं को प्रवेश दिया जाता है।
नूतन कॉलेज में एक बार फिर बुर्का पर मामला गरमा गया है। दो पूर्व छात्राएं नूतन कॉलेज में बुर्का पहनकर मार्कशीट निकलवाने के लिए पहुंच गई थीं, जिसे लेकर शिकायत दर्ज कराई गई है। दरअसल, सात साल पहले एक लड़का बुर्का पहनकर कॉलेज में घुस गया था। वह छात्राओं से साथ कैंटीन में बैठकर नाश्ता कर रहा था। तब तत्कालीन प्राचार्य शोभना वाजपेयी मारु ने बुर्का प्रतिबंधित और ड्रेस कोड को अनिवार्य कर दिया था। छात्राएं घर से बुर्का पहनकर आती जरूर हैं, लेकिन कॉलेज में आकर वे बुर्का को अपने बैग में रख लेती हैं, ताकि कॉलेज में वे अन्य छात्राओं की तरह वे डेÑस में दिखाई दें। हालांकि कॉलेज में हिजाफ को लेकर कोई प्रतिबंध नहीं हैं। छात्राएं उसका उपयोग कॉलेज परिसर में कर सकती हैं।
शिकायत पर होगी जांच
छात्राओं का आरोप है कि एक टीचर ने उनसे बुर्के को लेकर अभद्र व्यवहार किया है। उधर, कॉलेज प्रबंधन का तर्क है कि सभी नियमित और पूर्व छात्रों के लिए यूनिफॉर्म में आना अनिवार्य किया गया है। इसलिए एक टीचर ने उन्हें बुर्का उतार कर कॉमन रूम में रखने के लिए कहा गया। छात्राएं झूठ बोल रहीं हैं। उनसे लिखित में शिकायत ली गई है, जिसकी जांच की जाएगी।
छात्राएं कॉलेज परिसर में प्रवेश करने के बाद बुर्का को बैग में रख लेती हैं, जिससे उनका ड्रेस कोड दिखाई देता है। हिजाफ पर कोई प्रतिबंध नहीं हैं। वे उसका उपयोग कर सकती हैं। 7 साल पहले एक लड़का बुर्का पहनकर परिसर में घुस गया था। – शैलबाला बघेल, प्राचार्य, नूतन कॉलेज छात्राएं कॉलेज परिसर में प्रवेश करने के बाद बुर्का को बैग में रख लेती हैं, जिससे उनका डेÑस कोड दिखाई देता है। हिजाफ पर कोई प्रतिबंध नहीं हैं। वे उसका उपयोग कर सकती हैं। 7 साल पहले एक लड़का बुर्का पहनकर परिसर में घुस गया था। – शैलबाला बघेल, प्राचार्य, नूतन कॉलेज
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