- दो व्यक्तियों के विरुद्ध होगी एफ आई आर
- सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र विक्रमपुर के जिम्मेदार अधिकारी पर अपराधिक जवाबदेही का निर्धारण कर अनुशासनात्मक कार्यवाही करने के निर्देश
- प्रकरण में लिप्त शासकीय कर्मचारियों पर विधिक कार्यवाही की जाये . कलेक्टर
डिंडौरी
जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र विक्रमपुर में मुख्यमंत्री प्रसूति सहायता योजना के भुगतान में हुई अनियमितता की प्राप्त शिकायतों की जांच में दोषी पाये जाने पर कलेक्टर विकास मिश्रा ने कठोर कदम उठाते हुये डाटा एंट्री आपरेटर ललित राजपूत एवं ग्राम मड़ियारास निवासी सन्तोष ठाकुर के विरुद्ध तत्काल एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को दिये हैं ।
कलेक्टर मिश्रा ने इस प्रकरण में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र विक्रमपुर के जिम्मेदार अधिकारी पर अपराधिक जवाबदेही का निर्धारण कर अनुशासनात्मक कार्यवाही करने तथा प्रकरण में लिप्त जवाबदेह सभी शासकीय कर्मचारियों के विरुद्ध वैधानिक कार्यवाही करने के निर्देश भी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को दिए हैं । कलेक्टर ने दोषी व्यक्तियों के विरुद्ध कार्यवाही के ये निर्देश प्रकरण की जांच के लिये गठित कमेटी से प्राप्त प्रतिवेदन के आधार पर दिये हैं ।
ज्ञात हो कि मुख्यमंत्री प्रसूति सहायता योजना के तहत भुगतान में हुई अनियमितता का यह मामला प्रकाश में आते ही कलेक्टर विकास मिश्रा ने जिला पंचायत सीईओ की अध्यक्षता में कमेटी कर इसकी विस्तृत जाँच के आदेश दिये थे । तीन सदस्यों की सयुंक्त जाँच समिति में जिला कोषालय अधिकारी तथा मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी भी शामिल थे ।
सयुंक्त जाँच समिति द्वारा शिकायतों जांच के दौरान अनमोल पोर्टल पर दर्ज एंट्री के अनुसार हितग्राहियों से चर्चा की गई । हितग्राहियों ने जाँच समिति को बताया कि ग्राम पंचायत मड़ियारास में निवास करने वाले सन्तोष ठाकुर द्वारा उनसे संपर्क कर आधार कार्ड समग्र आईडी एवं बैंक खाते की जानकारी प्राप्त कर उनके खाते में 16 हजार रुपये की राशि प्राप्त होने पर 4 हजार से 12 हजार रुपये की राशि वापस ले ली गई थी ।
जाँच में समिति ने उपलब्ध डेटा का भौतिक सत्यापन करने पर पाया कि कुछ हितग्राही स्थानीय पीएचसी या सीएचसी के अंतर्गत आने वाले ग्रामों के नहीं है तथा कई अपात्र हितग्राहियों की एंट्री भी अनमोल पोर्टल पर कर दी गई है । इसके साथ ही माह अप्रैल 2022 से सितंबर 2022 तक प्रसूति सहायता योजना के लाभान्वित हितग्राहियों के डेटा सत्यापन में अपात्र महिलाओं को योजना का लाभ दिये जाने की पुष्टि भी जांच में हुई । फील्ड में पदस्थ अमले की यूजर आईडी एवं पासवर्ड का इस्तेमाल कर ललित राजपूत एवं सन्तोष ठाकुर द्वारा फर्जी तरीके से राशि का दुरुपयोग किया जाना भी जांच में पाया गया ।
सयुंक्त जाँच समिति द्वारा इस मामले में कुल 148 प्रविष्टियों का मिलान एवं सत्यापन किया गया । इनमें 72 अपात्र प्रविष्टियों में गलत आहरण होना पाया गया । समिति द्वारा कलेक्टर को प्रस्तुत जाँच प्रतिवेदन में मुख्यमंत्री प्रसूति सहायता योजना के भुगतान के विभिन्न चरणों में एएनएमए खंड लेखा प्रबंधक तथा ब्लॉक प्रोग्राम अधिकारी की भूमिका को भी संदेहास्पद बताया है । इसके साथ ही समिति ने खण्ड चिकित्सा अधिकारी द्वारा इस मामले में पर्यवेक्षण नहीं किया जाना प्रमाणित पाया है ।
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