नई दिल्ली
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश करेंगी। उससे पहले सरकार ने इकॉनमी पर एक रिव्यू जारी किया है। इसमें कहा गया है कि 2030 तक भारत सात ट्रिलियन की इकॉनमी बन सकता है। भारत को एक ट्रिलियन डॉलर की इकॉनमी बनने में 60 साल का समय लगा था। भारत ने साल 2007 में यह उपलब्धि हासिल की थी। इसके बाद दो ट्रिलियन तक पहुंचने में भारत को सात साल का समय लगा। लेकिन 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद देश की इकॉनमी तेजी से बढ़ी है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में भारत अपनी इकॉनमी में एक साल में एक ट्रिलियन डॉलर जोड़ सकता है। अभी भारत दुनिया की इकॉनमी सबसे बड़ी इकॉनमी है और इसका साइज 3.7 ट्रिलियन डॉलर है। एक दशक पहले भारत 1.9 ट्रिलियन डॉलर के साथ दुनिया की दसवीं बड़ी इकॉनमी था।
भारतीय इकॉनमी को एक ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने में 60 साल का समय लगा था। 2007 में भारत इस मुकाम पर पहुंचा था। उसके बाद दो ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने में सात साल लगे। साल 2014 में भारत की इकॉनमी इस मुकाम पर पहुंची। इकॉनमी में एक ट्रिलियन डॉलर जुड़ने में फिर सात साल का वक्त लगा। 2021 में भारत की इकॉनमी तीन ट्रिलियन डॉलर पर पहुंची। तीन से चार ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने में तीन साल का समय लगने का अनुमान है। माना जा रहा है कि इसी साल देश की इकॉनमी इस मुकाम पर पहुंच जाएगी। इसी तरह पांच ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी तक पहुंचने में इसे तीन साल का समय लगने का समय है। 2027 तक भारतीय इकॉनमी के इस मुकाम तक पहुंचने का अनुमान है।
एक साल में एक ट्रिलियन डॉलर
पांच से छह ट्रिलियन डॉलर का मुकाम भारत की इकॉनमी केवल दो साल में हासिल कर सकती है। साल 2029 में इंडियन इकॉनमी इस मुकाम पर पहुंच सकती है। अगर सबकुछ ठीकठाक रहा तो छह से सात ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने में भारत को केवल एक साल लगेगा। साल 2030 में भारत की इकॉनमी सात ट्रिलियन डॉलर को छू सकती है। जानकारों का कहना है कि जिस तरह से देश की इकॉनमी बढ़ रही है, उससे इस लक्ष्य को पाना मुश्किल नहीं है। पिछले साल भारत की इकॉनमी दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ी थी और इस साल भी यही उम्मीद की जा रही है। साल 2007 से 2015 के बीच चीन ने हर साल अपनी इकॉनमी में एक ट्रिलियन डॉलर की बढ़ोतरी की थी।
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