December 22, 2024

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चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस में अंदरूनी कलह खुलकर सामने आई, जाति जनगणना पर आनंद शर्मा ने राहुल गांधी पर बोला हमला

नई दिल्ली
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस में अंदरूनी कलह खुलकर सामने आई गई है। पूरे देश में जाति जनगणना (कास्ट सेंसस) कराने का वादा कर रहे कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को अपनी ही पार्टी के एक बड़े नेता से विरोध का सामना करना पड़ा है। दरअसल जाति जनगणना की मांग के साथ राहुल गांधी लोगों से वादा कर रहे हैं कि अगर सत्ता में आए तो वे खुद इसे कराएंगे। अब उनकी इस मांग को लेकर राहुल गांधी पर पूर्व कैबिनेट मंत्री आनंद शर्मा ने निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि 'जाति गनगणना कोई रामबाण नहीं है।' उन्होंने इसे 'इंदिरा और राजीव गांधी की विरासत का अपमान' बताया।

पार्टी के वरिष्ठ नेता ने दावा किया है कि कांग्रेस ने कभी भी पहचान की राजनीति नहीं की है और न ही इसका समर्थन किया है। आनंद शर्मा ने पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को पत्र लिखकर कहा है कि जाति जनगणना की मांग को पार्टी के पूर्व नेताओं और इंदिरा गांधी व राजीव गांधी जैसे पूर्व प्रधानमंत्रियों का अनादर करने के रूप में समझा जा सकता है।

बता दें कि कांग्रेस पार्टी ने ‘हिस्सेदारी न्याय’ के तहत जाति जनगणना कराने और आरक्षण की 50 प्रतिशत की सीमा खत्म करने की ‘गारंटी’ दी है। खुद खरगे ने ‘हिस्सेदारी न्याय’ के तहत आने वाली गारंटी गिनाते हुए कहा था, "कांग्रेस पार्टी एक व्यापक सामाजिक, आर्थिक व जाति जनगणना की गारंटी देती है। इसके माध्यम से सभी जातियों व समुदायों की जनसंख्या, सामाजिक-आर्थिक स्थिति, राष्ट्रीय संपत्ति में उनकी हिस्सेदारी और शासन से संबंधित संस्थानों में उनके प्रतिनिधित्व का सर्वेक्षण किया जाएगा।" इस मुद्दे पर कांग्रेस के अंदरखाने कलह साफ नजर आ रही है।

आनंद शर्मा ने कहा कि पार्टी का वर्तमान रुख पिछली कांग्रेस सरकारों की विचारों के साथ मेल नहीं खाता है और इसकी वजह से पार्टी के राजनीतिक विरोधियों को कीचड़ उछालने का मौका मिल जाएगा। आनंद शर्मा ने जाति को लेकर कांग्रेस के ऐतिहासिक रुख की ओर इशारा किया। उन्होंने अपने पत्र में इंदिरा गांधी के 1980 के नारे "ना जात पर न पात पर, मोहर लगेगी हाथ पर" का भी जिक्र किया है। उन्होंने यह भी बताया कि 1990 में राजीव गांधी ने जातिवाद को चुनावी मुद्दा बनाने का विरोध किया था। उन्होंने लिखा, "अपने ऐतिहासिक रुख से हटना देश भर के कई कांग्रेसी पुरुषों और महिलाओं के लिए चिंता का विषय है। यह सोचने-समझने की बात है। मेरा मानना है कि इसे (जाति जनगणना को) इंदिरा जी और राजीव जी की विरासत का अपमान माना जाएगा।"

जाति जनगणना, कांग्रेस की प्रमुख मांगों में से एक है। केवल कांग्रेस शासित कर्नाटक और बिहार में ही अब तक जाति गनगणना हुई है। बिहार में उस वक्त कांग्रेस पार्टी राजद और जदयू के साथ गठबंधन की सत्ता में थी। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने केंद्र में विपक्ष की सरकार बनने पर देशव्यापी जाति जनगणना कराने का वादा किया है।