नई दिल्ली
भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) को असेसमेंट ईयर 2012-13, 2013-14, 2014-15, 2016-17, 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के लिए रिफंड आदेश प्राप्त हुए थे।रिफंड की कुल राशि 25,464.46 करोड़ रुपये थी। इस संबंध में आयकर विभाग ने 15 फरवरी को 21,740.77 करोड़ रुपये जारी किए हैं।
एलआईसी ने कहा कि कॉर्पोरेशन आयकर विभाग के साथ संतुलन का प्रयास कर रहा है। 31 दिसंबर 2023 को समाप्त नौ महीने की अवधि के लिए एलआईसी का कर प्रॉफिट आफ्टर टैक्स (पीएटी) 26,913 करोड़ रुपये था।
वर्तमान अवधि के लाभ में उपलब्ध सॉल्वेंसी मार्जिन पर विशेष सवृद्धि से संबंधित 21,461 करोड़ रुपये की शुद्ध कर राशि शामिल है, जो नॉन पार फंड (नॉन पार्टिसिपेटिंग) से शेयरधारकों के खाते में स्थानांतरित की गई है।
31 दिसंबर 2022 को समाप्त समान नौ महीने की अवधि के लिए प्रॉफिट आफ्टर टैक्स 22,970 करोड़ रुपये था, जिसकी तुलना नहीं की जा सकती। इसमें वित्तवर्ष 2021-22 की अंतिम तिमाही के लिए उपलब्ध सॉल्वेंसी मार्जिन पर विशेष वृद्धि से संबंधित 4,542 करोड़ रुपये की शुद्ध कर राशि शामिल थी, जिसे 30 सितंबर 2022 को नॉन पार्टिसिपेटिंग से शेयरधारकों के खाते में स्थानांतरित किया गया था।
प्रथम वर्ष प्रीमियम आय (एफवाईपीआई) (आईआरडीएआई के अनुसार) द्वारा मापी गई बाजार हिस्सेदारी के संदर्भ में एलआईसी 58.90 प्रतिशत की समग्र बाजार हिस्सेदारी के साथ भारतीय जीवन बीमा व्यवसाय में बाजार हिस्सेदारी के मामले में अग्रणी बनी हुई है।
31 दिसंबर 2023 को समाप्त नौ महीनों के लिए एलआईसी की व्यक्तिगत व्यवसाय में बाजार हिस्सेदारी 38.74 प्रतिशत और समूह व्यवसाय में 72.24 प्रतिशत थी।
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