नई दिल्ली
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू और मालदीव की प्रथम महिला साजिदा मोहम्मद रविवार को अपनी पहली द्विपक्षीय भारत यात्रा के लिए नई दिल्ली पहुंचे। इस यात्रा के दौरान राष्ट्रपति मुइज्जू, भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक करेंगे। मुइज्जू के भारत आगमन पर केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री किरीटी वर्धन सिंह ने उनका स्वागत किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के आधिकारिक निमंत्रण पर मुइज्जू 6-10 अक्टूबर तक भारत की यात्रा पर आए हैं। वह मुंबई और बेंगलुरू भी जाएंगे।
पांच माह में दूसरा भारत दौरा
इस साल जून में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने के बाद मुइज्जू का यह दूसरा भारत दौरा होगा। गौरतलब है कि पहले की परंपरा के अनुसार, मालदीव के लगभग हर राष्ट्रपति अपनी पहली विदेश यात्रा भारत में करते थे, लेकिन मुइज्जू ने पदभार संभालने के बाद पहले तुर्की और फिर चीन का दौरा करके इस चलन को बदल दिया। सत्ता में आने के बाद से मुइज्जू सरकार ने कई ऐसे कदम उठाए हैं, जो भारत-मालदीव संबंधों के दृष्टिकोण से अपरंपरागत रहे हैं। उन्होंने अपना पूरा राष्ट्रपति अभियान 'इंडिया आउट' की तर्ज पर चलाया। देश से भारतीय सैनिकों को हटाना मुइज्जू की पार्टी का मुख्य चुनाव अभियान था।
अपनाया सुलह का रुख
हालांकि, हाल ही में भारत के साथ संबंधों में खटास आने के बाद मुइज्जू ने सुलह का रुख अपनाया है, जिससे कूटनीतिक विवाद पैदा हुआ है। उन्होंने वित्तीय सहायता के लिए भारत को धन्यवाद दिया और नई दिल्ली को माले का सबसे करीबी सहयोगी बताया। इससे पहले हाल ही में न्यूयॉर्क में 79वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के दौरान, मुइज्जू ने एएनआई को बताया था कि वह जल्द से जल्द भारत आने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने दोनों देशों के बीच मजबूत द्विपक्षीय संबंधों की भी प्रशंसा की।
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