नई दिल्ली
सरकारी कंपनियों यानी पीएसयू ने केंद्र सरकार को मालामाल कर दिया है। सार्वजनिक उपक्रमों नेे चालू वित्त वर्ष 2023-24 में लगभग 63,000 करोड़ रुपए डिविडेंड के रूप में सरकारी खजाने में डाले हैं। यह केंद्र सरकार के संशोधित बजट अनुमान से 26त्न अधिक है। कोल इंडिया, ओएनजीसी, पावरग्रिड और गेल के अच्छे डिविडेंड से कुल लाभांश प्राप्ति बढ़ी है। बजट में 2023-24 के लिए पीएसयू से 50,000 करोड़ रुपए की लाभांश प्राप्ति का संशोधित अनुमान रखा गया था।
दीपम की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक, 31 मार्च, 2024 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष 2023-24 में वास्तविक लाभांश प्राप्ति 62,929 करोड़ रुपए रही। सरकारी कंपनियों, बैंकों और बीमा कंपनियों का संयुक्त बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) पिछले तीन साल में 500% बढक़र 58 लाख करोड़ रुपए हो गया है। इन कंपनियों में सरकार की इक्विटी हिस्सेदारी का मूल्य भी जनवरी 2021 के 9.5 लाख करोड़ रुपए से चार गुना बढक़र 38 लाख करोड़ रुपए हो गया है।
इन कंपनियों ने दिया अधिक लाभांश
सरकारी कंपनियों, बैंकों और बीमा कंपनियों का संयुक्त बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) पिछले तीन साल में 500% बढक़र 58 लाख करोड़ रुपए हो गया है। इन कंपनियों में सरकार की इक्विटी हिस्सेदारी का मूल्य भी जनवरी 2021 के 9.5 लाख करोड़ रुपए से चार गुना बढक़र 38 लाख करोड़ रुपए हो गया है।
ओएनजीसी 2,964
कोल इंडिया 2,043
पावर ग्रिड 2,149
एनएमडीसी 1,024
एचएएल 1,054
गेल 1,863
(राशि करोड़ रुपए में)
More Stories
केंद्र सरकार का बड़ा फैसला- गणतंत्र दिवस नहीं इस बार ‘वीर बाल दिवस’ पर बहादुर बच्चों को मिलेगा पुरस्कार
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान परिषद के चेयरमैन डॉ. एस सोमनाथ ने कहा- भारत 2040 में चांद पर लैंडिंग करेगा
हिमाचल प्रदेश में ताजा बर्फबारी के बाद लोगों की परेशानियां बढ़ती ही जा रही, 24 घंटे में चार लोगों की मौत