मास्को
रूस में राष्ट्रपति पद के लिए रविवार को संपन्न हुए एकतरफा चुनाव के शुरुआती रुझान के अनुसार, सत्ता पर करीब 25 साल से काबिज राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को 88 प्रतिशत वोट मिले हैं। रूस के केंद्रीय निर्वाचन आयोग के अनुसार, मतदान समाप्त होने पर 24 प्रतिशत क्षेत्रों में मतों की गिनती के शुरुआती रुझानों से पता चला कि पुतिन के समर्थन में लगभग 88 प्रतिशत वोट पड़े। इस प्रकार से पुतिन ने चुनाव जीत लिया है और वह 2030 तक रूस के राष्ट्रपति बने रहेंगे। अमेरिका ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि रूस में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव नहीं हुए, इसलिए यह परिणाम अप्रत्याशित नहीं है।
आलोचकों के मुताबिक, रूस के चुनाव में मतदाताओं को ‘निरंकुश' शासक के खिलाफ कोई वास्तविक विकल्प नहीं दिया गया। रूस में तीन दिवसीय राष्ट्रपति चुनाव शुक्रवार को बेहद नियंत्रित माहौल में शुरू हुआ, जहां पुतिन या यूक्रेन के साथ युद्ध को लेकर उनकी सार्वजनिक आलोचना की अनुमति नहीं थी।
पुतिन के सबसे मुखर राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी एलेक्सी नवलनी की पिछले महीने आर्कटिक जेल में मौत हो गई और उनके अन्य आलोचक या तो जेल में हैं या निर्वासन में हैं। पुतिन (71) को क्रेमलिन-अनुकूल पार्टियों के तीन प्रतीकात्मक प्रतिद्वंद्वियों का सामना करना पड़ रहा है, जिन्होंने उनके 24 साल के शासन या दो साल पहले यूक्रेन पर उनके आक्रमण की किसी भी आलोचना से परहेज किया है।
उन्होंने चुनाव से पहले युद्धक्षेत्र में रूस की सफलता का दावा किया, लेकिन रविवार तड़के पूरे रूस में बड़े पैमाने पर यूक्रेनी ड्रोन हमले ने मॉस्को के सामने आने वाली चुनौतियों की याद दिला दी। रूस के रक्षा मंत्रालय ने रात भर में 35 यूक्रेनी ड्रोन को मार गिराने का दावा किया, जिनमें से चार रूस की राजधानी मॉस्को के पास मार गिराए गए। मॉस्को के महापौर सर्गेई सोबयानिन ने कहा कि कोई हताहत या क्षति नहीं हुई है।
सबसे ज्यादा समय तक सत्ता में रहने वाले नेता
अब वह जोसेफ स्टालिन को पीछे छोड़ते हुए रूस के 200 वर्षों के इतिहास में सबसे ज्यादा समय तक सत्ता में रहने वाले नेता बनने की राह पर हैं। रूस में 2024 का चुनाव तब हो रहा है जब यूक्रेन युद्ध का तीसरा वर्ष शुरू हो चुका है। इस चुनाव से पूर्व पुतिन रूस की जनता को अस्तित्व का खतरा बताते रहे हैं और उन्होंने कहा कि उनके सामने यूक्रेन पर हमला करने के अलावा अन्य कोई विकल्प नहीं था।
पुतिन ने नाटो (NATO) देशों का नाम लेकर उन्हें चेतावनी दी है कि तीसरा विश्व युद्ध बस एक कदम की दूरी पर ही है अगर नाटो देशों से रूस का सैन्य संघर्ष हुआ लेकिन शायद ही कोई देश ऐसा नज़ारा चाहता हो।' अंतर्राष्ट्रीय न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक पुतिन ने कहा है कि आज की दुनिया में सब कुछ संभव हो सकता है।
'यूक्रेन में आया नाटो तो तीसरा विश्व युद्ध अगले कदम पर ही खड़ा'
पुतिन ने अब तक की सबसे बड़ी जीत (Russia President election) के बाद मीडिया से कहा कि "नाटो की सेना पहले से ही यूक्रेन में मौजूद थी। रूस ने युद्ध के मैदान में बोली जाने वाली अंग्रेजी और फ्रेंच दोनों को सीख लिया है। इसमें कुछ भी अच्छा नहीं है। सबसे पहले तो उनके लिए क्योंकि वो वहां और बड़ी संख्या में मर रहे हैं। ये सभी के लिए साफ तौर पर दिखा दिया गया है कि ये पूर्ण पैमाने पर तीसरे विश्व युद्ध (Third World War) से एक कदम दूर होगा। मुझे लगता है कि शायद ही किसी को इसमें दिलचस्पी है।"
फ्रांस के बयान पर दिया जवाब!
दरअसल पुतिन का ये बयान फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैंक्रो (Emmanuel Macron) के उस बयान का जवाब था जिसमें मैंक्रो ने कहा था कि वो भविष्य में यूक्रेन में जमीनी सैनिकों की तैनाती से इनकार नहीं कर सकते। कई पश्चिमी देशों ने खुद को इससे दूर कर लिया है लेकिन पूर्वी यूरोप के कई देशों ने इस पर अपनी सहमति जताई है। फ्रांस (France) भी यूक्रेन में सेना भेजने वाले देशों में शामिल था।
आखिर चाहते क्या हैं पुतिन?
गौरतलब है कि राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन यूक्रेन युद्ध (Russia-Ukraine War) के बाद आए दिन यूक्रेन और यूक्रेन की मदद करने वाले देशों को परमाणु युद्ध की धमकी देते रहते हैं। उन्होंने तो अपने पड़ोसी देशों की सीमा पर परमाणु हथियार भी तैनात कर दिए हैं, जिसमें फिनलैंड (Finland) जैसे देश शामिल हैं। सिर्फ यही नहीं व्लादिमिर पुतिन ने अंतरिक्ष पर परमाणु ऊर्जा का यूनिट बनाने वाले प्रोजेक्ट पर भी काम शुरू कर दिया है। माना जा रहा था कि व्लादिमिर पुतिन राष्ट्रपति चुनाव से अपने रुख में थोड़ी नरमी लाएंगे लेकिन अपने पहले ही बयान में तीसरे विश्व युद्ध की चेतावनी देने से ये सारे कयास टूट गए हैं। बता दें कि व्लादिमिर पुतिन ने 87.97 प्रतिशत वोटों से ये चुनाव जीता है।
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