मुंबई,
भारतीय राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता अभिनेता ऋषभ शेट्टी ने इस ऐतिहासिक फिल्म "द प्राइड ऑफ भारत: छत्रपति शिवाजी महाराज" में छत्रपति शिवाजी महाराज की भूमिका में नजर आएंगे। फिल्म का पहला पोस्टर कुछ ही देर पहले ऋषभ शेट्टी ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर साझा किया है, जिसे लेकर कंतारा स्टार ऋषभ के प्रशंसक बेहद खुश और उत्साहित हैं। ऋषभ ने इंस्टाग्राम पर फिल्म का पोस्टर साझा किया और लिखा, ''हमारा सम्मान और विशेषाधिकार, भारत के महानतम योद्धा राजा – भारत के गौरव की महाकाव्य गाथा प्रस्तुत है।'' इसके साथ ही ऋषभ ने बताया कि फिल्म 21 जनवरी 2027 को सिनेमाघरों में रिलीज होगी
शिवाजी की बायोपिक
शिवाजी की बायोपिक निर्देशक के तौर पर यह संदीप की पहली फीचर फिल्म होगी। इस प्रोडक्शन में महान योद्धा राजा की कहानी को पर्दे पर लाने के लिए अंतरराष्ट्रीय तकनीकी और बेहतरीन ग्राॉफिक्स का इस्तेमाल किया जाएगा। ऋषभ शेट्टी निर्देशक संदीप की फिल्म "द प्राइड ऑफ भारत: छत्रपति शिवाजी महाराज" में छत्रपति शिवाजी महाराज की भूमिका में नजर आएंगे। ऋषक्ष शेट्टी ने कहा, "छत्रपति शिवाजी महाराज की भूमिका निभाना शब्दों से परे सम्मान की बात है। वे एक राष्ट्रीय नायक हैं जिनका प्रभाव इतिहास से परे है और मुझे उनकी कहानी को स्क्रीन पर लाने में बहुत गर्व महसूस होगा।"
फिल्म को लेकर संदीप सिंह का बयान
संदीप सिंह ने टोरंटो टाइटल, बॉक्सिंग बायोपिक ''मैरी कॉम'' में उन्होंने सह-निर्माता के रूप में काम किया। इसके अलावा संदीप ने “अलीगढ़” और स्लम सॉकर फिल्म “झुंड” सहित कई फिल्मों का निर्माण किया है। उन्होंने ZEE5 स्ट्रीमिंग ओरिजिनल, ट्रांसजेंडर-थीम वाली “सफेद” के साथ अपने निर्देशन की शुरुआत की थी। संदीप ने बायोपिक "पीएम नरेंद्र मोदी" और बायोपिक "मैं अटल हूं" का भी निर्माण किया है। संदीप सिंह ने कहा, "ऋषभ शेट्टी इस भूमिका के लिए मेरी पहली और एकमात्र पसंद थे। ऋषक्ष वाकई में छत्रपति शिवाजी महाराज की ताकत, भावना और वीरता का प्रतीक हैं। यह फिल्म कई सालों से मेरा सपना रही है और इस कहानी को सिल्वर स्क्रीन पर लाना मेरे लिए सौभाग्य और सम्मान की बात है।"
शिवाजी महाराज
शिवाजी (1630-1680), ने मराठा साम्राज्य की स्थापना उस समय की थी, जब भारत का अधिकांश हिस्सा मुस्लिम राजाओं के शासन में था। उन्होंने सैन्य चालों और रणनीतिक सूझबूझ के मिश्रण का उपयोग करके अपने क्षेत्रों को जीता था। ऐसे समय में जब मुगल सम्राट औरंगजेब हिंदुओं पर अत्याचार कर रहा था, समुदाय ने शिवाजी के नेतृत्व में एकजुट होकर उन्हें छत्रपति (सम्राट) का ताज पहनाया। भारत के स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान, शिवाजी को एक हिंदू राष्ट्रवादी नायक के रूप में बहुत सम्मान दिया गया था, जिसे लोग आज भी नहीं भुला पाए हैं।
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