मलयालम
सुप्रीम कोर्ट ने यौन उत्पीड़न मामले में मलयालम एक्टर सिद्दीकी को अग्रिम जमानत दे दी है। मंगलवार को अदालत ने एक्टर को राहत दी लेकिन उन्हें ट्रायल कोर्ट में अपना पासपोर्ट जमा करने को कहा। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शिकायतकर्ता 8 साल तक पुलिस के पास नहीं गई और उसने हेमा कमेटी को भी कथित हमले की सूचना नहीं दी। इसलिए, SC ने सिद्दीकी को अग्रिम जमानत देते हुए एक्टर को जांच में सहयोग करने के लिए कहा है।
इस बीच, सुनवाई के दौरान सिद्दीकी के वकील ने भी यौन उत्पीड़न के आरोपों से इनकार किया और दावा किया कि वह कथित पीड़िता से कभी अकेले नहीं मिले। उन्होंने यह भी दलील दी कि रेप का आरोप झूठा है।
मलयालम एक्टर सिद्दिकी को जमानत
इस साल अगस्त में, मलयालम अभिनेता सिद्दीकी के खिलाफ एक एक्ट्रेस के आरोप के बाद बलात्कार का मामला दर्ज किया गया था कि उन्होंने 2016 में उनका यौन उत्पीड़न किया था। उनके खिलाफ धारा 376 (बलात्कार) और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। आरोपों के बाद सिद्दीकी ने एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी आर्टिस्ट्स (एएमएमए) के महासचिव पद से भी इस्तीफा दे दिया।
कोर्ट ने मानी शिकायतकर्ता की गलती
यह शिकायत न्यायमूर्ति हेमा आयोग की रिपोर्ट का नतीजा थी, जिसमें मलयालम सिनेमा में महिला कलाकारों द्वारा सामना किए जाने वाले यौन उत्पीड़न और भेदभाव का विवरण दिया गया था। सुप्रीम कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने में आठ साल की देरी को जमानत देने का आधार माना।
सिद्दिकी को कहा गया ये
सिद्दीकी को अपना पासपोर्ट ट्रायल कोर्ट में जमा कराने और जांच में सहयोग करने को कहा गया है।
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