गुना
जन्म से दोनों पैरों से दिव्यांग महिला के साथ दुष्कृत्य करने वाले आरोपी को न्यायालय चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश मोनिका आध्या ने 10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही 5000 रुपये के अर्थदंड से भी दंडित किया है।
अपर लोग अभियोजक राकेश व्यास ने बताया कि 21 अप्रैल 2021 को फरियादिया ने पति के साथ थाने में शिकायत दर्ज कराई। इसमें कहा कि वह जन्म से दोनों पैरों से दिव्यांग है, जिससे चल-फिर नहीं सकती है। 20 अप्रैल की सुबह पति बहन की लड़की की शादी का निमंत्रण देने मायके गए हुए थे। घर पर वह बच्चों के साथ अकेली थी।
रात करीब नौ बजे बच्चों को खाना खिलाकर कमरे में सो रही थी। इसी बीच रात करीब एक बजे गांव का खूब सिंह घर में अंदर घुस आया और उसे उठाकर दूसरे कमरे में ले गया, जहां उसके साथ दुष्कर्म किया और मना करने पर डंडे से मारपीट की। शोर सुनकर उसका बड़ा लड़का जाग गया और बचाने लगा तो लड़के को भी डंडे से मारा। इसी बीच लड़का जीजा को बुलाने चला गया, तो जीजा को आता देख खूब सिंह भाग गया।
कोर्ट ने दोषी माना
पुलिस ने पीड़िता की रिपोर्ट पर प्रकरण दर्ज कर विवेचना में लिया। इधर, विवेचना जारी रखते हुए पुलिस ने अभियुक्त के विरुद्ध अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया। वहीं अभियोजन एवं बचाव पक्ष के तर्कों को सुनने के बाद न्यायालय ने माना कि अभियुक्त द्वारा अभियोक्त्री के साथ उसकी इच्छा और सम्मति के बिना संभोग कर बलात्संग कारित किया है। प्रकरण में शासन की ओर से पैरवी अपर लोक अभियोजक राकेश व्यास द्वारा की गई।
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