नई दिल्ली
पेंशनर्स के लिए लाइफ सर्टिफिकेट यानी जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की डेट नजदीक आ रही है। यह पेंशनर के जीवित होने का सबूत होता है। इसे जमा नहीं किए जाने पर पेंशन मिलनी बंद हो सकती है। पेंशनर्स को हर साल उस वित्तीय संस्थान में जीवन प्रमाण पत्र जमा करना होता है जहां से उसे पेंशन मिलती है। इस बीच केंद्र सरकार ने पेंशनर्स को एक अलर्ट जारी कर व्हाट्सएप पर चल रही एक धोखाधड़ी के बारे में चेतावनी जारी की है। जीवन प्रमाण पत्र जमा करने की डेट करीब आने के साथ ही धोखेबाज भी सक्रिय हो गए हैं। वे पॉपुलर मैसेजिंग प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप के जरिए पेंशनर्स को निशाना बना रहे हैं।
जीवन प्रमाण पत्र एक अनिवार्य दस्तावेज है। पेंशनर्स को अपनी पेंशन जारी रखने के लिए इसे जमा कराना जरूरी होता है। घोटालेबाज पेंशनर्स को फर्जी संदेश भेजकर इसका फायदा उठा रहे हैं। इसमें वे पेंशनर्स को एक लिंक भेजकर दावा कर रहे हैं कि अगर इस पर जीवन प्रमाण पत्र अपडेट नहीं किया तो पेंशन रोक दी जाएगी। सेंट्रल पेंशन अकाउंटिंग ऑफिस (CPAO) के एक प्रवक्ता ने कहा कि पेंशनर्स को मैसेज भेजकर व्यक्तिगत जानकारी मांगी जा रही है। इससे सावधान रहने की जरूरत है।
कैसे काम करता है धोखेबाज
पेंशनर्स को व्हाट्सएप पर मैसेज मिलता है। इनमें दावा किया जाता है कि पुराने जीवन प्रमाण पत्र के कारण उनकी पेंशन खतरे में है। इसमें एक लिंक दिया जाता है और पेंशनर्स से कहा जाता है कि वे इस पर अपने बैंक खाते का विवरण या पीपीओ नंबर अपडेट करें। पेंशनर्स की व्यक्तिगत जानकारी मिलने के बाद स्कैमर्स इसका गलत यूज कर सकते हैं। वे पेंशनर्स के अकाउंट में सेंध लगा सकते हैं।
धोखेबाजों से कैसे बचें
सरकार इस बात पर जोर देती है कि जीवन प्रमाण पत्र के बारे में कभी भी व्हाट्सएप या किसी अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए जानकारी नहीं मांगी जाती है। पेंशनर्स को सोशल मीडिया पर आए किसी भी लिंक पर संदिग्ध क्लिक नहीं करना चाहिए या अटैचमेंट डाउनलोड न करें। कभी भी व्हाट्सएप के माध्यम से बैंक खाते का विवरण या पीपीओ नंबर जैसी व्यक्तिगत जानकारी साझा न करें। जीवन प्रमाण के बारे में किसी भी जानकारी के लिए अपने बैंक या आधिकारिक सीपीएओ वेबसाइट से संपर्क करें।
घोटाले की रिपोर्ट
यदि आपको कोई संदिग्ध संदेश मिलता है तो इसकी सूचना तुरंत अधिकारियों को दें। आप मैसेज को राष्ट्रीय साइबर अपराध रिपोर्टिंग पोर्टल पर फॉरवर्ड कर सकते हैं या स्थानीय पुलिस स्टेशन से संपर्क कर सकते हैं।
क्यों हो रहा है स्कैम?
सबसे पहले ये सवाल उठता है कि अचानक से ये स्कैम क्यों चर्चा में आया और क्यों सरकार लोगों को सावधान रहने के लिए कह रही है। यहां हम इन सभी सवालों का जवाब देंगे।
भारतीय पेंशनधारकों को हर साल अपने जीवन प्रमाण पत्र( Jeevan Pramaan Certificate) को जमा करना होता है और ये समय अब करीब आ रहा है।
इसके चलते स्कैमर्स अब उन लोगो को निशाना बना रहे हैं, जिनको अपना सर्टिफिकेट सबमिट करना है।
बता दें कि जीवन प्रमाण पत्र पेंशन जीवन प्रमाण पत्र पेंशन होल्डर के लिए एक जरूरी डाक्यूमेंट है, जिससे इन्हें अपने पेंशन को पाने में मदद मिलती है।
स्कैमर्स वॉट्सऐप के जरिए पेशनधारकों तो फेक मैसेज भेज रहे हैं, जिसमें लोगों को अपना जीवन प्रमाण पत्र अपडेट करने के लिए कहा जा रहा है और एक लिंक के पर्सनल जानकारी मांगते हैं और अगर वे ऐसा नहीं करते हैं तो उनकी पेंशन रोक दी जाएगी।
सेंट्रल पेंशन अकाउंटिंग ऑफिस (CPAO) ने जानकारी दी है कि ये मैसेज आपकी पर्सनल जानकारी के साथ-साथ बैंक डिटेल्स और फाइनेंशियल री-सोर्स पाने की कोशिश है।
कैसे काम करता है स्कैम?
स्कैमर्स आपको वॉट्सऐप के जरिए मैसेज भेजते हैं और सरकारी अधिकारी होने का दावा करते हैं।
इस मैसेज में बताया जाता है कि आपके पुराने जीवन प्रमाण पत्र के कारण आपकी पेंशन को रोका जा सकता है।
इसके अलावा इस मैसेज में आपको एक लिंक या फॉर्म भी मिलता है, जिसमें बैंक अकाउंट डिटेल या PPO नंबर जैसी पर्सनल जानकारी मांगी जाती है।
अगर आप ये डिटेल भर देते हैं तो स्कैमर्स के पास आपकी जरूरी जानकारी का एक्सेस आ जाता है।
इसकी मदद से ये आपकी पहचान चुराने के साथ-साथ आपके पैसे को भी लूट सकते हैं।
कैसे रहें सुरक्षित
बता दें कि कोई भी सरकारी कर्मचारी वॉट्सऐप के जरिए आपसे कोई डाक्यूमेंट नहीं मांगेंगे। सरकार ने लोगों को इस स्कैम से बचने के लिए कुछ टिप्स दिए है, जिसे फॉलो करना मददगार साबित होगा।
वॉट्सऐप पर आए ऐसे किसी भी लिंक पर क्लिक न करें और नहीं कोई अटैचमेंट डाउनलोड करें।
किसी को भी बैंक अकाउंट और PPO नंबर जैसी पर्सनल जानकारी शेयर न करें।
किसी भी जानकारी के लिए अपने बैंक या CPAO वेबसाइट की मदद लें।
अगर आपको भी इस तरह का कोई मैसेज आता है तो तुरंत इसकी शिकायत NCRP या लोकल पुलिस स्टेशन में करें।
वॉट्सऐप पर आए ऐसे किसी भी लिंक पर क्लिक न करें और नहीं कोई अटैचमेंट डाउनलोड करें।
किसी को भी बैंक अकाउंट और PPO नंबर जैसी पर्सनल जानकारी शेयर न करें।
किसी भी जानकारी के लिए अपने बैंक या CPAO वेबसाइट की मदद लें।
अगर आपको भी इस तरह का कोई मैसेज आता है तो तुरंत इसकी शिकायत NCRP या लोकल पुलिस स्टेशन में करें।
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