भोपाल
जीजी फ्लाइओवर पीडब्ल्यूडी की अंदरूनी खींचतान में उलझकर जीजी फ्लाइओवर को शुरू करने का काम फिलहाल टल गया है। दूसरी और इसके नीचे की सड़क को बनाने के लिए मेट्रो तैयार है इन पीडब्ल्यूडी। दोनों के निर्माण के दौरान ये सड़क खराब हुई, लेकिन दोनों ही एजेंसी अपने अपने कॉरिडोर के नीचे की ड़क दुरुस्त कर रहे हैं। करीब दस से पंद्रह फीट का हिस्सा बेहाल लावारिस छोड़ दिया। स्थिति ये कि भोपाल पुलिस ने सड़क निर्माण के लिए एक दिन ट्रैफिक बंद करने का कहा, लेकिन सवाल फिर कि इसे कौन बनाएगा? इसमें ही उलझ गया।
यह भोपाल का सबसे लंबा ब्रिज है। इसकी लंबाई 2734 मीटर यानी, करीब पौने 3 किमी है। इसका काम दिसंबर 2020 में शुरू हुआ था। जिसे 2 साल में बन जाना था, लेकिन इसे बनने में 4 साल लगे। आखिरकार अब इसका काम आखिरी दौर में है। पहले 26 दिसंबर को ब्रिज की ओपनिंग करने की बात सामने आई थी, लेकिन थर्ड आर्म नहीं बनने की वजह से ट्रैफिक शुरू नहीं हो सका। वहीं, मंत्री गुजरात दौरे पर चले गए। ऐसे में अब उम्मीद है कि 1 से 5 जनवरी के बीच ब्रिज की ओपनिंग हो जाएगी।
लाइट की टेस्टिंग शुरू गणेश मंदिर से वल्लभ भवन चौराहा के बीच दो आर्म्स के बीच कुल 230 पोल पर लाइटें लगाई गई हैं। जिसकी टेस्टिंग की जा रही है। करीब 15 मीटर चौड़े इस ब्रिज की थर्ड आर्म पर भी लाइट लगाई जाएगी। ताकि, यह हिस्सा भी रोशन हो सके। यदि लाइटिंग और सर्विस रोड समय पर बन जाती है तो थर्ड आर्म पर भी ट्रैफिक शुरू हो सकता है। वरना, गणेश मंदिर से वल्लभ भवन चौराहा तक ही ट्रैफिक शुरू होगा।
लोड टेस्ट पूरा पीडब्ल्यूडी के अफसरों के मुताबिक, गणेश मंदिर से वल्लभ भवन चौराहा की ओर आने वाली पहली और दूसरी आर्म का काम तकरीबन पूरा हो चुका है। इस रूट पर लोड टेस्ट भी हो चुका है। फिर भी ट्रैफिक का संचालन शुरू होने पर लोगों को कोई परेशानी न आए, इसलिए यहां कुछ उपाय किए जा रहे हैं। ऐसा मैनिट के एक्सपर्ट्स से मिली सलाह के बाद पीडब्ल्यूडी के अफसरों ने ये बदलाव करने का फैसला लिया है।
ऐसे समझें स्थिति
• मेट्रो रेल कारपोरेशन का स्टेशन यहां है। इसके नीचे की रोड भी खराब है, लेकिन इसे मेट्रो कारपोरेशन बनाने को तैयार है। इसके साथ ही पास अंडरग्राउंड ड्रेन बनाएंगे। ये स्टेशन की लंबाई के बराबर ही होगी, उसके बाद काम नहीं होगा। इसमें उलझन है।
• पीडब्ल्यूडी ब्रिज के नीचे की सड़क ठीक है। शॉपिंग कॉम्प्लेक्स की ओर वाला करीब 200 मीटर का हिस्सा बैरिकेडिंग से ढंका है, इसे बनाना है, लेकिन बनाया नहीं गया। यहां भी मेट्रो का एफओबी बन रहा है, इसलिए पीडब्ल्यूडी ने मेट्रो से ही इसे ठीक करने कहा। इतना ही नहीं, स्टेशन से लगे जिस हिस्से पर मेट्रो ड्रेन बनाएगा, उसके दोनों किनारों पर करीब 150-150 मीटर लंबाई में रोड पर डामर का काम पीडब्लयूडी ने मेट्रो से करने का कहा है। मामले अभी उलझन में है।
इस तरह ट्रैफिक प्रभावित
जिंसी, पुराना भोपाल, जहांगीराबाद, प्लेटफार्म नंबर छह से सुभाष ब्रिज, पुल बोगदा और आगे तक का ट्रैफिक एमपी नगर, साकेत नगर, नर्मदापुरम रोड तक आवाजाही करता है। बोर्ड ऑफिस के पास मेट्रो स्टेशन व रोड का हिस्सा मेट्रो क्यों नहीं बना रहे इस मामले में मेट्रो कारपोरेशन के अफसर स्पष्ट जवाब देने को तैयार नहीं है।
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