बिलासपुर
अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय में आज राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत भारतीय विज्ञान की विशेषता पर एक दिवसीय कार्यशाला हुई। कुलपति आचार्य अरुण दिवाकर नाथ वाजपेयी ने इस अवसर पर अपने संबोधन में कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति से शिक्षा में भारतीयता की झलक स्पष्ट हो रही है। इसमें भारतीय विज्ञान, परंपरा, और दर्शन को प्रमुखता दी गई है, जिससे भारत का गौरव बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि इस नीति के माध्यम से युवा पीढ़ी को भारत के महान वैज्ञानिकों, जैसे आर्यभट्ट, कणाद और सुश्रुत द्वारा किए गए उत्कृष्ट शोध कार्यों के बारे में जानकारी मिल सकेगी।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता, विज्ञान भारती के राष्ट्रीय सह संयोजक प्रमोद रामदास ने अपने उद्बोधन में कहा कि भारतीय विज्ञान और इसकी विरासत पूरी दुनिया को दिशा देने में सक्षम है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि शोध के क्षेत्र में भारतीय दृष्टिकोण को प्रमुखता दी जानी चाहिए, ताकि भारत का स्वाभिमान बढ़े। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति से भारतीय विज्ञान और पूर्व के शोध कार्यों को और बढ़ावा मिलेगा।
दीक्षा को लेकर नए सिरे से तैयारी
अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य अरुण दिवाकर नाथ वाजपेयी ने एक दिन पहले कुलाधिपति एवं राज्यपाल रमेन डेका से मुलाकात की। विश्वविद्यालय की उन्नति और शैक्षणिक गतिविधियों के बारे में राज्यपाल को अवगत कराया। आगामी होने वाले दीक्षा समारोह की तिथि एवं मेधावियों को स्वर्ण पदक एवं उपाधि की जानकारी दी। जिसके बाद नए सिरे से समारोह की तैयारी शुरू हो चुकी है।
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