नर्मदापुरम
मध्य प्रदेश के नर्मदापुरम जिले के सिवनी मालवा विकासखंड के ग्राम पीपरखेर स्थित गौशाला परिसर में अवैध मिट्टी उत्खनन और चरोखर भूमि पर फसल उत्पादन को लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। ग्रामीणों ने कलेक्टर और जिला जनपद सीईओ के नाम एक शिकायती आवेदन सौंपते हुए जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
ग्रामीणों ने बताया कि, ग्राम-पीपरखेर में शासन की योजनाओं के अनुसार एक गोशाला का निर्माण किया गया जिसमें शासन की चरोखड़ की 35 एकड़ से ज्यादा भूमि लगी हुई है। चरोखड़ की भूमि में गौशाला संचालक के द्वारा गेंहू, चना, तुअर के साथ-साथ सब्जी का भी अवैध तरीके से उत्पादन कर बाजार में सप्लाई किया जा रहा है। जिसका लेखा जोखा गौशाला के रिकार्ड में दर्ज नहीं होने और भूमि में पैदा की जाने वाली फसल के व्यापार की राशि का पूरी तरह गबन किया जा रहा है।
जबकि इस भूमि पर के लिए चरी (गायों को चराने वाला घास) बोया जाना था। वहीं दूसरी ओर गोशाला परिसर में रात के अंधेरे में सड़क निर्माण के लिए अवैध तरीके से मिट्टी का उत्खनन कर डंपर को जब ग्रामीणों ने रोका तो डंपर चालक ने सरपंच, सचिव सहित जिम्मेदारों के नाम उल्लेख किया।
गौशाला परिसर में गोवंश के अलावा मुर्गी पालन भी संचालक के द्वारा कराया जा रहा है। इतना ही नहीं एक ही परिवार मां, बेटा बहू ओर पिता को नौकरी पर रखा हुआ है। जिससे ग्रामीणों में खासी नाराजगी देखी जा रही है। ग्रामीणों ने आरोप लगाते हुए कहा कि गौ शाला के काम में लापरवाही की जा रही है। इस मामले में ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री सहित प्रदेश और विभाग के आला अधिकारियों से गौशाला के मामले में अविलंब कार्रवाई कर दोषी व्यक्तियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है।
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