आज कल लोगों को इतनी सारी बीमारियां हो रही हैं कि उनके पैसे डॉक्टार और दवाइयों में ही खर्च हो रहे हैं। पर यदि आपके घर में तुलसी का पौधा लगा हुआ है तो आपको चिंता करने की कोई जरुरत नहीं है। तुलसी केवल हमारी आस्था का प्रतीक भर नहीं है। इस पौधे में पाए जाने वाले औषधीय गुणों के कारण आयुर्वेद में भी तुलसी को महत्वपूर्ण माना गया है। तुलसी जुकाम, खांसी, बुखार, सूखा रोग, पसलियों का चलना, निमोनिया, कब्ज् और अतिसार सभी रोगों में चमत्कालरी रूप से अपना असर दिखाती है। तुलसी पत्र मिला हुआ पानी पीने से कई रोग दूर हो जाते हैं। इसीलिए चरणामृत में तुलसी का पत्ता डाला जाता है। आइये जानते हैं कि किस तरह से तुलसी बीमारियां को दूर भगाती है।
1. लिवर संबंधी समस्या
तुलसी की 10-12 पत्तियों को गर्म पानी से धोकर रोज सुबह खाएं। लिवर की समस्याओं में यह बहुत फायदेमंद है।
2. पेट दर्द
एक चम्मच तुलसी की पिसी हुई पत्तियों को पानी के साथ मिलाकर गाढा पेस्ट बना लें। पेट दर्द होने पर इस लेप को नाभि और पेट के आस-पास लगाने से आराम मिलता है।
3. डिगेशन संबंधी समस्या
एक ग्लास पानी में 10-15 तुलसी की पत्तियां डालकर उबालें और काढा बना लें। इसमें चुटकी भर सेंधा नमक डालकर पीएं। इससे पाचन संबंधी समस्याओं जैसे दस्त लगना, पेट में गैस बनना आदि दूर होती है।
4. बुखार
बुखार आने पर दो कप पानी में एक चम्मच तुलसी की पत्तियों का पाउडर और एक चम्मच इलायची पाउडर मिलाकर उबालें और काढा बना लें। दिन में दो से तीन बार यह काढा पीएं। स्वाद के लिए चाहें तो इसमें दूध और चीनी भी मिला सकते हैं। तुलसी का अर्क तेज बुखार को कम करने में भी कारगर साबित होता है।
5. खांसी-जुकाम
तुलसी की पत्तियां कफ साफ करने में मदद करती हैं। सभी तरह के कफ सीरप बनाने में तुलसी का इस्तेमाल किया जाता है। तुलसी की कोमल पत्तियों को थोडी-थोडी देर पर अदरक के साथ चबाने से खांसी-जुकाम से राहत मिलती है। चाय की पत्तियों को उबालकर पीने से गले की खराश दूर हो जाती है।
6. सर्दी से बचाव
सर्दी जुकाम होने पर तुलसी की पत्तियों को चाय में उबालकर पीने से राहत मिलती है। बारिश या ठंड के मौसम में सर्दी से बचाव के लिए तुलसी की लगभग 10-12 पत्तियों को एक कप दूध में उबालकर पीएं। सर्दी की दवा के साथ-साथ यह एक न्यूट्रिटिव ड्रिंक के रूप में भी काम करता है।
7. ब्रीथिंग प्रोब्लेम्स
श्वास संबंधी समस्याओं का उपचार करने में तुलसी खासी उपयोगी साबित होती है। शहद, अदरक और तुलसी को मिलाकर बनाया गया काढ़ा पीने से ब्रोंकाइटिस, दमा, कफ और सर्दी में राहत मिलती है। नमक, लौंग और तुलसी के पत्तों से बनाया गया काढ़ा इंफ्लुएंजा (एक तरह का बुखार) में फौरन राहत देता है।
8. गुर्दे की पथरी
यदि किसी के गुर्दे में पथरी हो गई हो तो उसे शहद में मिलाकर तुलसी के अर्क का नियमित सेवन करना चाहिए। तुलसी गुर्दे को मजबूत बनाती है।
9. हार्ट डिजीज
तुलसी खून में कोलेस्ट्राल के स्तर को घटाती है। ऐसे में हृदय रोगियों के लिए यह खासी कारगर साबित होती है।
10. टेंशन
तनाव को खुद से दूर रखने के लिए कोई भी व्यक्ति तुलसी के 12 पत्तों का रोज दो बार सेवन कर सकता है। तुलसी की पत्तियों में तनाव रोधीगुण भी पाए जाते हैं।
11. माउथ इन्फेक्शन
अल्सर और मुंह के अन्य इन्फेक्शंस में तुलसी की पत्तियां फायदेमंद साबित होती हैं। रोजाना तुलसी की कुछ पत्तियों को चबाने से माउथ इन्फेक्शन दूर हो जाता है।
12. स्किन डिजीज
नैचुरोपैथों द्वारा ल्यूकोडर्मा का इलाज करने में तुलसी के पत्तों को सफलता पूर्वक इस्तेमाल किया गया है। इससे इंफेक्शन ज्यादा नहीं फैल पाता। दाद, खुजली और त्वचा की अन्य समस्याओं में तुलसी के अर्क को प्रभावित जगह पर लगाने से कुछ ही दिनों में रोग दूर हो जाता है।
13. सांसों की दुर्गध
पायरिया जैसी समस्या में भी यह कारगर साबित होती है। तुलसी की सूखी पत्तियों को सरसों के तेल में मिलाकर दांत साफ करने से सांसों की दुर्गध चली जाती है।
14. सिर का दर्द
सिर के दर्द में तुलसी एक बढ़िया दवा के तौर पर काम करती है। तुलसी का काढ़ा पीने से सिर के दर्द में आराम मिलता है।
15. आंखों की समस्या
रात में रोजाना श्यामा तुलसी के अर्क को दो बूंद आंखों में डालना चाहिए। आंखों की जलन में तुलसी का अर्क बहुत फायदेमंद साबित होता है।
16. कान में दर्द
तुलसी के पत्तों को सरसों के तेल में भून लें और लहसुन का रस मिलाकर कान में डाल लें। दर्द में आराम मिलेगा।
17. पाइल्स
तुलसी के बीज का चूर्ण दही के साथ लेने से खूनी बवासीर यानि पाइल्स में खून आना बंद हो जाता है।
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