माले
मालदीव ने हाल ही में तुर्की की कंपनी बायरकतार से ड्रोन खरीदे हैं। मालदीव की सत्ता में आए चीन समर्थक राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू का कहना है कि यह ड्रोन मालदीव की सीमा की निगरानी के लिए हैं। तुर्की से आए इन ड्रोन को लेकर विपक्ष सवाल उठा रहा है। विपक्ष ने इस डील के संदिग्ध होने और डील के जल्दबाजी पर सवाल उठाए हैं। अब मोहम्मद मुइज्जू ने इस पर सफाई दी है। राष्ट्रपति मुइज्जू ने कहा कि मालदीव नेशनल डिफेंस फोर्स की ओर से इस्तेमाल किए जा रहे कुछ ड्रोन को तुर्की की सरकार ने मुफ्त सहायता के रूप में दिए हैं।
नूनू माफारू में एक समारोह में इसकी घोषणा की। यह खुलासा उन्होंने तब किया है जब ड्रोन को लेकर किए गए समझौतों से जुड़ी जानकारी देने से सरकार ने मना कर दिया था। मुइज्जू ने कहा कि पदभार संभालने के बाद उनकी तुर्की की आधिकारिक यात्रा के दौरान ड्रोन खरीदने पर चर्चा हुई। उन्होंने इस दौरान तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन को धन्यवाद दिया। एर्दोगन की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा, 'जिम्मेदारी संभालने के दो हफ्ते से भी कम समय के बाद उन्होंने (एर्दोगन) मुझे देश के दौरे के लिए बुलाया और गर्मजोशी से स्वागत किया।'
मुफ्त में मिले तुर्की से ड्रोन
उन्होंने आगे कहा, 'आज हमारे पास ड्रोन उनका इस ओर ध्यान देने के कारण है।' कुल कितने ड्रोन मालदीव को मिले हैं, इसकी सटीक जानकारी नहीं है। लेकिन अभी सिर्फ तीन ड्रोन के इस्तेमाल की बात मुइज्जू ने की है। भविष्य में बाकी ड्रोन का इस्तेमाल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एर्दोगन के साथ करीबी रिश्ते से इसमें मदद मिलेगी। उन्होंने खुलासा किया कि कुछ ड्रोन उन्हें मुफ्त में मिले हैं। मुइज्जू ने कहा, 'मुझे यह बताते हुए गर्व हो रहा है कि इनमें से कई उपकरण दोनों देशों के करीबी संबंधों के कारण मुफ्त में मिले हैं।'
पहले नहीं दी गई थी जानकारी
हालांकि मुइज्जू ने यह खुलासा नहीं किया कौन से उपकरण मुफ्त में दिए गए या तुर्की सरकार की ओर से दिए गए इस दान की कीमत क्या है। मालदीव के मीडिया आउटलेट अधाधु ने अपनी रिपोर्ट में इस ड्रोन डील के 37 मिलियन अमेरिकी डॉलर होने की बात कही है। हालांकि सरकार ने कभी भी ड्रोन के खरीद की घोषणा नहीं की। मालदीव की मीडिया ने जब सूचना के अधिकार के तहत जानकारी मांगी तो रक्षा मंत्रालय ने डिटेल देने से मना कर दिया। शुक्रवार को मालदीव ने इन ड्रोनों का संचालन शुरू कर दिया है।
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