नई दिल्ली
भारतीय नौसेना की दो महिला अधिकारी जल्द ही आईएनएसवी तारिणी पर सवार होकर असाधारण नौकायन अभियान पर विश्व परिक्रमा के लिए निकलेंगी। दोनों महिलाएं पिछले तीन वर्षों से इस अभियान के लिए खुद को तैयार कर रही हैं। इसके लिए नौसेना ने एक लोगो का अनावरण किया है, जिसके बीच में अष्टकोणीय आकार भारतीय नौसेना को दर्शाता है, जबकि सूर्य एक खगोलीय पिंड का प्रतीक है और कम्पास नाविकों को चुनौतीपूर्ण समुद्रों के माध्यम से मार्गदर्शन करता है।
भारतीय नौसेना ने नौकायन परंपरा को पुनर्जीवित करने के लिए महत्वपूर्ण प्रयास किए हैं, जिसमें समुद्री विरासत को संरक्षित करने और नाविक कौशल को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता पर जोर दिया गया है। नौकायन प्रशिक्षण जहाजों आईएनएस तरंगिनी और आईएनएस सुदर्शनी के अग्रणी प्रयासों और आईएनएसवी महादेई और तारिणी पर परिक्रमा के माध्यम से भारतीय नौसेना ने महासागर नौकायन अभियानों में एक केंद्रीय स्थान प्राप्त किया है।
समुद्री कौशल और साहस के उत्सव को जारी रखते हुए भारतीय नौसेना की दो महिला अधिकारी लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए और लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना नाविका जल्द ही आईएनएसवी तारिणी पर सवार होकर दुनिया की परिक्रमा करने के लिए रवाना होने वाली हैं। इन दोनों महिला अधिकारियों ने छह सदस्यीय चालक दल के साथ पिछले साल गोवा से केप टाउन होते हुए रियो डी जेनेरो और वापस ट्रांस-ओशनिक अभियान में भाग लिया था। इसके बाद इन अधिकारियों ने गोवा से श्री विजया पुरम (पहले पोर्ट ब्लेयर) और वापस डबल हैंडेड मोड में नौकायन अभियान चलाया। इसके अलावा इस साल की शुरुआत में दोनों ने गोवा से पोर्ट लुइस, मॉरीशस तक फिर से डबल हैंडेड मोड में सफलतापूर्वक उड़ान भरी है।
भारतीय नौसेना की महिला अधिकारी लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए और लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना नाविका सागर परिक्रमा II के लिए पिछले तीन वर्षों से खुद को तैयार कर रही हैं। सागर परिक्रमा एक कठिन यात्रा होगी, जिसके लिए अत्यधिक कौशल, शारीरिक फिटनेस और मानसिक सतर्कता की आवश्यकता होगी। इसीलिए हजारों मील का अनुभव लेने के बाद भी उन्हें गोल्डन ग्लोब रेस के नायक कमांडर अभिलाष टॉमी (सेवानिवृत्त) के मार्गदर्शन में प्रशिक्षित किया जा रहा है। आईएनएसवी तारिणी की परिक्रमा भारत के समुद्री नौवहन उद्यम और समुद्री प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम होगा, जो वैश्विक समुद्री गतिविधियों में देश की बढ़ती प्रमुखता और समुद्र में लैंगिक समानता को प्रदर्शित करेगा।
नौसेना के कमांडर विवेक मधवाल ने बताया कि समुद्री कैलेंडर में इस ऐतिहासिक घटना के महत्व को दर्शाते हुए भारतीय नौसेना ने अभियान का लोगो लांच किया है। बीच में अष्टकोणीय आकार भारतीय नौसेना को दर्शाता है, जबकि सूर्य एक खगोलीय पिंड और कम्पास को दर्शाता है, जो चुनौतीपूर्ण समुद्रों के माध्यम से नाविकों का मार्गदर्शन करता है। समुद्र की विशालता के बीच से अपना रास्ता बनाती पाल वाली नाव यात्रियों की साहसिक भावना और लचीलेपन का प्रतीक है। अभियान का पूरा महिला चालक दल लैंगिक समानता और उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए भारतीय नौसेना की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
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