मॉस्को
फ्रांस और जर्मनी के नेताओं ने मंगलवार को कहा कि यूक्रेन को रूस के अंदर उन सैन्य स्थलों पर हमला करने की इजाजत दी जानी चाहिए जहां से यूक्रेनी क्षेत्र पर मिसाइलें दागी जा रही हैं, लेकिन अन्य ठिकानों पर नहीं. इससे पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने चेतावनी दी थी कि नाटो (NATO) के सदस्य देश यूक्रेन को रूस के अंदर हमला करने के लिए पश्चिमी देशों द्वारा आपूर्ति किए गए हथियारों का उपयोग करने देने का प्रस्ताव देकर आग से खेल रहे हैं. उन्होंने कहा कि इससे वैश्विक संघर्ष शुरू हो सकता है.
न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने जर्मनी के मेसेबर्ग में जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज के साथ एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा, 'हम यूक्रेन का समर्थन करते हैं और हम तनाव नहीं चाहते हैं, यह नहीं बदला है. हमारा मानना है कि यूक्रेन को रूस के भीतर उन सैन्य स्थलों को नष्ट करने की अनुमति दी जानी चाहिए जहां से मिसाइलें दागी जाती हैं, उन सैन्य स्थलों को जहां से यूक्रेन पर हमला किया जाता है. लेकिन हमें रूस में अन्य लक्ष्यों और नागरिक या अन्य सैन्य स्थलों पर हमला करने की अनुमति यूक्रेन को नहीं देनी चाहिए.'
जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने कहा कि वह मैक्रों से सहमत हैं. उन्होंने कहा, 'जब तक यूक्रेन संयुक्त राज्य अमेरिका और अंतरराष्ट्रीय कानून सहित हथियारों की आपूर्ति करने वाले देशों द्वारा दी गई शर्तों का सम्मान करता है, उसे अपनी रक्षा करने की अनुमति है. यूक्रेन जो कर रहा है उसके लिए अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत उसके पास पूरी संभावना है. इसे स्पष्ट रूप से कहा जाना चाहिए. मुझे यह अजीब लगता है जब कुछ लोग यह तर्क देते हैं कि यूक्रेन को अपना बचाव करने और इसके लिए उपयुक्त उपाय करने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए.'
रूस और यूक्रेन के बीच 24 फरवरी 2022 से शुरू हुआ वॉर, द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोप में सबसे घातक युद्ध है., पश्चिमी देशों का मानना है कि पुतिन वैश्विक युद्ध के खतरे को बढ़ा रहे हैं, जबकि पश्चिमी नेता इसे कम करने की कोशिश कर रहे हैं. नाटो महासचिव जेन्स स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि गठबंधन के सदस्यों को यूक्रेन को पश्चिमी हथियारों के साथ रूस के भीतर तक हमला करने देना चाहिए. उनके इस विचार का ट्रान्साटलांटिक गठबंधन के कुछ यूरोपीय सदस्यों ने समर्थन किया है, लेकिन संयुक्त राज्य अमेरिका की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
जर्मनी में भी, इस विचार का कुछ विरोध हो रहा है, क्योंकि इससे देश के पूर्वी हिस्से में आगामी स्थानीय और राज्य चुनावों में व्यापक संघर्ष के बढ़ने की आशंका है. जर्मन चांसलर ओलाफ स्कोल्ज ने यूक्रेन को लंबी दूरी की टॉरस मिसाइलें उपलब्ध कराने से इनकार कर दिया है, जो संभावित मॉस्को तक पहुंच सकती हैं.
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