भोपाल
मध्य प्रदेश के नए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के चयन को लेकर आज, गुरुवार को दिल्ली में बैठक हुई। शाम 4:30 बजे DGP के लिए तीन नामों के पैनल पर पीएससी ने मोहर लगा दी है। इस तीन आईपीएस अफसरों में अरविंद कुमार (DG होमगार्ड), कैलाश मकवाना (पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन के चेयरमैन) और 1999 बैच के अजय शर्मा (DG EOW) हैं।
30 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं सुधीर कुमार
यूपीएससी के चेयरमैन की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्रालय के दो जॉइंट सेक्रेटरी के अलावा एमपी के मुख्य सचिव अनुराग जैन और मौजूदा डीजीपी सुधीर सक्सेना समेत अन्य अधिकारी शामिल हुए। बैठक में भेजे गए 9 आईपीएस अधिकारियों में से तीन नामों के पैनल पर मोहर लगी। अब मुख्यमंत्री मोहन यादव इनमें से एक नाम पर मोहर लगाएंगे। आपको बता दें कि सुधीर कुमार सक्सेना 30 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं।
ये तीन नाम तय किए
नए DGP के पद के लिए यूपीएससी ने तीन नामों के पैनल पर मोहर लगाई है। ये तीन नाम 1988 बैच के आईपीएस अफसर अरविंद कुमार (DG होमगार्ड), कैलाश मकवाना (पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन के चेयरमैन) और 1999 बैच के अजय शर्मा (DG EOW) हैं।
डीजी-आईजी कांफ्रेंस और महत्वपूर्ण निर्णय
बता दें कि 28 से 30 नवंबर तक ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में डीजी-आईजी कान्फ्रेंस भी आयोजित होगी। इस कांफ्रेंस में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल उपस्थित रहेंगे। इस दौरान मौजूदा DGP सुधीर कुमार सक्सेना सेवानिवृत्त होंगे। माना जा रहा है कि OSD के रूप में कार्यरत अधिकारी इस कांफ्रेंस में प्रदेश पुलिस का प्रतिनिधित्व करेंगे।
विदेश जाएंगे सीएम
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव अपने कार्यकाल की पहली विदेश यात्रा पर जा रहे हैं। 24 से 30 नवंबर तक उनका ब्रिटेन और जर्मनी का दौरा प्रस्तावित है। 23 नवंबर को पुलिस मुख्यालय (PHQ) में OSD (Officer on Special Duty) कौन होगा, इसकी घोषणा करके ही मुख्यमंत्री जाएंगे, ताकि 30 नवंबर को वर्तमान DGP सुधीर कुमार सक्सेना की विदाई और नए DGP की कुर्सी संभालने की रस्म पूरी हो सके।
अब MP DGP की रेस में सबसे आगे हैं IPS कैलाश मकवाना
मध्य प्रदेश के ईमानदार पुलिस अफसरों में शुमार भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी कैलाश मकवाना मध्य प्रदेश पुलिस के नए मुखिया यानि डीजीपी बनने के पूरे आसार नजर आ रहे हैं। संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने मध्य प्रदेश के नए डीजीपी पद के लिए तीन आईपीएस अफसरों के पैनल पर अपनी मुहर लगा दी है, जिसमें कैलाश मकवाना का नाम शामिल है। अन्य दो नामों में डीजी होमगार्ड अरविंद कुमार, ईओडब्ल्यू के डीजी अजय शर्मा का नाम है।
सीएम पर टिकी है निगाहें
पुलिस हाउसिंग कॉर्पोरेशन के चेयरमैन कैलाश मकवाना और ईओडब्ल्यू के अजय शर्मा के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा दिख रही है। अब सबकी नजरें मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव पर टिक गई हैं, नए डीजीपी के नाम का ऐलान वे ही करेंगे।
तीन नाम हुए हैं फाइनल
मध्य प्रदेश सरकार ने नए डीजीपी के लिए 9 वरिष्ठ अधिकारियों के नामों का पैनल यूपीएससी को भेजा था। 21 नवंबर को देर शाम यूपीएससी दिल्ली में बैठक हुई, जिसमें 9 में से 3 नाम फाइनल किए गए। मौजूदा डीजीपी सुधीर सक्सेना 30 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं। इसके बाद 1 दिसंबर को नए डीजीपी कार्य करना शुरू कर देंगे।
रेस में कैलाश मकवाना सबसे आगे
कैलाश मकवाना का नाम सबसे उपर इसलिए दिख रहा है क्योंकि फरवरी 2024 में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उनकी बिगड़ी सीआर को सुधारा था। बताया जाता है कि उन्हें तब 10 में 10 अंक दिए गए। इससे पहले सीआर खराब होने की स्थिति में वह डीजीपी की दावेदारी से बाहर हो रहे थे।
साढ़े तीन साल में हुआ था सात बार तबादला
मकवाना ने अपनी एसीआर( गोपनीय चरित्रावली) सुधरवाने के लिए मप्र शासन से 9 महीने पहले अपील की थी। उन्होंने रिप्रेजेंटेशन भेजते हुए सरकार से कहा था कि लोकायुक्त संगठन में डीजी रहने के 6 महीने के दौरान उनकी एसीआर खराब कर दी गई। कमल नाथ सरकार में महज एक साल में उनका तीन बार तबादला किया गया था। साढ़े 3 साल में उनका 7 बार तबादला किया गया था।
लोकायुक्त का बनाया गया था महानिदेशक
मकवाना को वर्ष 2022 में विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त में महानिदेशक बनाया गया था। वे यहां इमानदारी से काम कर रहे थे, भी उन्होंने महाकाल लोक की एक फाइल खोल ली। इसके बाद तत्कालीन सीएम शिवराज सिंह चौहान ने उन्हें हटाकर मप्र पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन में चेयरमैन बना दिया था। तब शिवराज के ओएसडी योगेश चौधरी को एडीजी विशेष पुलिस स्थापना लोकायुक्त पदस्थ किया गया था। तब उनकी सीआर कम कर दी गई थी।
क्या है महाकाल कॉरिडोर 'घोटाला'
उज्जैन के महाकाल लोक कॉरिडोर के प्रथम चरण के कामों में भ्रष्टाचार की शिकायत लोकायुक्त तक पहुंची थी। लोकायुक्त संगठन में कांग्रेस विधायक महेश परमार ने शिकायत की है कि तीन आईएएस अफसरों के अलावा 15 अफसरों को नोटिस देकर जवाब मांगा था। लोकायुक्त के नोटिस में तीन आईएएस उज्जैन कलेक्टर और स्मार्ट सिटी लिमिटेड के अध्यक्ष आशीष सिंह, स्मार्ट सिटी उज्जैन के तत्कालीन कार्यपालक निदेशक क्षितिज सिंघल और तत्कालीन नगर निगम आयुक्त अंशुल गुप्ता शामिल थे। शिकायर्ताओं ने आरोप लगाया था कि ठेकेदार को करोड़ों का लाभ पहुंचाने के लिए एसओआर की दरें और आइटम को बदला गया है।
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