हैदराबाद
भारत की दिग्गज टेनिस स्टार सानिया मिर्जा आगामी लोकसभा चुनाव में हैदराबाद से राजनीतिक एंट्री कर सकती हैं। कांग्रेस पार्टी लोकसभा चुनाव में हैदराबाद से ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के खिलाफ सानिया मिर्जा को मैदान में उतारने पर विचार कर रही है।
मनीकंट्रोल ने अज्ञात सूत्रों के हवाले से बताया कि कांग्रेस केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक में सानिया मिर्जा के नाम पर भी चर्चा हुई। गौरतलब है कि सीईसी की बैठक में कांग्रेस ने गोवा, दमन और दीव, तेलंगाना, यूपी और झारखंड के लिए 18 उम्मीदवारों के नामों की मंजूरी दी थी। इस दौरान सानिया मिर्जा को भी चुनाव लड़ाने पर चर्चा हुई।
रिपोर्ट में कहा गया है कि कांग्रेस हैदराबाद शहर में अपनी खोई हुई पकड़ हासिल करने के लिए सानिया मिर्जा की लोकप्रियता को भुनाने की कोशिश कर रही है। हैदराबाद में कांग्रेस आखिरी बार 1980 में जीती थी। तब के एस नारायण कांग्रेस के टिकट पर सांसद बने थे। रिपोर्ट के मुताबिक, उम्मीदवारी के लिए सानिया मिर्जा का नाम पूर्व भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान और कांग्रेस नेता मोहम्मद अजहरुद्दीन ने प्रस्तावित किया था। दोनों खिलाड़ियों के बीच घनिष्ठ पारिवारिक संबंध हैं। अजहरुद्दीन के बेटे मोहम्मद असदुद्दीन की शादी 2019 में सानिया मिर्जा की बहन अनम मिर्जा से हुई है।
अजहरुद्दीन ने हाल ही में हुए तेलंगाना विधानसभा चुनाव लड़ा था, जहां वह जुबली हिल्स निर्वाचन क्षेत्र से भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के मगंती गोपीनाथ से 16,000 से अधिक वोटों से हार गए। सानिया मिर्जा की बात करें तो उन्होंने इसी साल पाकिस्तानी क्रिकेटर पति पशोएब मलिक के अलग होने की पुष्टि की थी। शोएब और सानिया का पांच साल का एक बेटा भी है जो सानिया के साथ रहता है। सानिया और शोएब ने हैदराबाद में अप्रैल 2010 में निकाह किया था और दोनों दुबई में रहते थे। सानिया ने पिछले साल पेशेवर टेनिस को अलविदा कहा। अपने 20 बरस के कैरियर में उन्होंने 43 डब्ल्यूटीए युगल खिताब और एक एकल खिताब जीता है। उन्हें भारतीय महिला टेनिस की पुरोधा कहा जाता है।
हैदराबाद सीट की बात करें तो यह लंबे अरसे से एआईएमआईएम का गढ़ बना हुआ है। हालांकि 2023 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने ओवैसी की पार्टी को कड़ी टक्कर दी। 1984 में, सुल्तान सलाहुद्दीन ओवैसी ने एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज की थी। इसके बाद उन्होंने 1989 से 1999 तक AIMIM उम्मीदवार के रूप में हैदराबाद सीट जीती। उनके बाद, असदुद्दीन ओवैसी ने 2004 से इस सीट पर कब्जा करते हुए विरासत को आगे बढ़ाया। 2019 में, 14 उम्मीदवारों ने ओवैसी के खिलाफ चुनाव लड़ा। उन्होंने अपना दबदबा बरकरार रखते हुए कुल पड़े वोटों में से 58.94% वोट हासिल कर सीट जीती। इस बार लोकसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने माधवी लता को अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि बीआरएस ने गद्दाम श्रीनिवास यादव को मैदान में उतारा है। कांग्रेस ने अभी तक अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है।
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