डिंडौरी
कलेक्टर विकास मिश्रा के निर्देशन में आज रविवार को विश्व कैंसर दिवस का आयोजन आनंदम दीदी कैफे डिंडौरी में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के द्वारा किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्रीमती सुनीता उइके शिक्षिका प्राथमिक शाला किसलपुरी (ब्लड कैंसर विजेता ), मेकलसुता महाविद्यालय प्राचार्य डॉ. बी.एल. द्विवेदी, डॉ. ममता दीवान दीप प्रज्जवलित व मां सरस्वती को माल्यापर्ण कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया।
श्रीमती सुनीता उइके प्राथमिक शिक्षिका ने अपने उदबोधन में कहा कि ब्लड कैंसर से बचाव के अनुभव साझा किए कि हमारे हौसले यदि बुलंद हैं तो हमें कोई भी बीमारी हरा नहीं सकता।
डॉ. ए.के. वर्मा जिला नोडल अधिकारी कैंसर ने स्तन कैंसर, सरवाईकल कैंसर, ब्लड कैंसर, मुंह का कैंसर, गांठ कैंसर, जीभ कैंसर, सूजन की कैंसर, जबडों सहित अन्य कैंसर का लक्षण एवं बचाव के उपाय बताए।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने कहा कि भारत में 2022 में 14 लाख से अधिक नए कैंसर के मामले और बीमारी के कारण 1 लाख से अधिक मौतें हुईं। डब्ल्यूएचओ की कैंसर शाखा, इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (आईएआरसी) ने एक का अनावरण किया। देश में कैंसर की व्यापकता और पैटर्न पर प्रकाश डालने वाली रिपोर्ट।
भारतीय महिलाओं में स्तन और गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर सबसे आम के रूप में उभरे हैं. जो क्रमशः लगभग 27 प्रतिशत और 18 प्रतिष नए मामले हैं।
आईएआरसी रिपोर्ट के अनुसार, पुरुषों में होंठ और मौखिक गुहा के कैंसर और फेफड़ों के कैंसर ने 15.6 प्रतिशत और 8.5 प्रतिशत नए मामले बनाए। रिपोर्ट में जीवित रहने की दर पर भी प्रकाश डाला गया है, जिससे पता चलता है कि भारत में लगभग 32.6 लाख लोग कैंसर निदान के पांच साल के भीतर जीवित थे।
डब्ल्यूएचओ ने एक गंभीर भविष्यवाणी करते हुए अनुमान लगाया है कि 2050 तक कैंसर के नए मामलों में 77 प्रतिशत की वृद्धि होगी और यह 35 मिलियन से अधिक हो जाएगी, जबकि 2012 से मौतें लगभग दोगुनी होकर 18 मिलियन से अधिक हो जाएंगी। इस चिंताजनक प्रवृत्ति में योगदान देने वाले प्रमुख कारकों में तंबाकू का उपयोग, शराव का सेवन, मोटापा, जनसंख्या की उम्र बढ़ना और वृद्धि शामिल है। है
भारत में, 75 वर्ष की आयु से पहले कैंसर होने का जोखिम 10.6 प्रतिशत आंका गया था, जबकि उसी उम्र तक कैंसर का शिकार होने का जोखिम 7.2 प्रतिशत था। वैश्विक स्तर पर, ये जोखिम क्रमशः 20 प्रतिषत और 9.6 प्रतिषत पर काफी अधिक थे।
फेफड़े का केसर सबसे आम कैंसर के रूप में उभरा है, जो नए मामलों में 12.4 प्रतिशत और कुल कैंसर से होने वाली मौतों का लगभग 19 प्रतिशत है। स्तन कैंसर दूसरे सबसे आम मामले के रूप में दूसरे स्थान पर है, जो कुल नए मामलों में 11.6 प्रतिशत और वैश्विक कैंसर से होने वाली मौतों में 7 प्रतिशत का योगदान देता है।
सर्वाइकल कैंसर, हालांकि वैश्विक स्तर पर आठवां सबसे अधिक होने वाला कैंसर है, लेकिन कैंसर से संबंधित मौतों के मामले में यह नौवे स्थान पर है।
10 सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन पहल के माध्यम से सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में सर्वाइकल कैंसर के संभावित उन्मूलन के बारे में आशावाद व्यक्त किया। इस पहल में, देशों से प्रति 1 लाख महिलाओं पर 4 से कम घटना दर बनाए रखने का आग्रह करते हुए, एचपीवी टीकाकरण, नियमित जांच और कुशल उपचार प्रोटोकॉल जैसी प्रमुख रणनीतियों पर जोर दिया अपने अंतरिम बजट में, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 9 से 14 वर्ष की आयु वर्ग की लड़कियों के कार्यक्रम के दौरान कलेक्टर ने अपने उदबोधन में कहा कि कर्मचारी अधिकारी एवं आम जनता को कैंसर से बचाव हेतु बीडी, तम्बाकू, सिगरेट गुटखा, न खाने की सलाह दी। एवं संतुलित आहार पर विशेष ध्यान से अपने जीवन में लेना चाहिए। वर्तमान परिस्थितियों के अनुरूप जीवन में आंतरिक एवं बाहरी तनावरहित परिस्थितियों के अनुसार आप एवं आपके परिवार को चलने के तरीके अपनाने होंगे जिससे आपके परिवार जीवन पर्यन्त खुषहाल होंगे।
कार्यक्रम के विषिष्ट अतिथि रितेष जैन पाषर्द, डॉ. रमेश मरावी मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, डॉ. ए.के.वर्मा नोडल अधिकारी कैंसर, डॉ. अजय राज सिविल सर्जन, डॉ. नीतू परस्ते स्त्री रोग विषेषज्ञ सहित जिले के अन्य अधिकारी कर्मचारी मौजूद रहे।.
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