नई दिल्ली
WWE की रेसलर रकेल रोड्रिगेज कुछ महीनों से मास्ट सेल एक्टिवेशन सिंड्रोम नामक बीमारी की वजह से रिंग से बाहर थीं। पिछले महीने रॉ में उनकी वापसी हुई और उन्होंने एलिमिनेशन चैंबर में भी भाग लिया। लेकिन फिर इस महीने वह रिंग नजर नहीं आईं। अब उन्होंने बताया है कि वह ठीक होने में मदद के लिए हाइपरबैरिक ऑक्सीजन थेरेपी ले रही हैं। 33 साल की विक्टोरिया गोंजालेज का रिंग नाम रकेल रोड्रिगेज है।
पिछले महीने आखिरी बार रॉ में दिखीं
इससे पहले रोड्रिगेज ने बताया था कि उन्हें मास्ट सेल एक्टिवेशन सिंड्रोम हुआ है। एलिमिनेशन चैंबर प्रीमियम लाइव इवेंट में रकेल रोड्रिगेज ने महिलाओं के एलिमिनेशन चैंबर मैच में भाग लिया था। रोड्रिगेज ने एलिमिनेशन चैंबर के अंदर अपनी ताकत दिखाई और इसका इस्तेमाल वहां मौजूद अन्य रेसलर्स पर दबाव बनाने के लिए किया। इसके बाद उन्होंने 26 फरवरी के रॉ में भाग लिया और तब से वह नजर नहीं आईं।
रकेल ने दिया हेल्थ अपडेट
रोड्रिगेज ने इंस्टाग्राम पर खुद की एक तस्वीर पोस्ट की जिसमें वह ऑक्सीजन मास्क पहने हुए हैं। उन्होंने बताया कि वह ठीक होने में मदद के लिए हाइपरबैरिक ऑक्सीजन थेरेपी ले रही हैं। रकेल ने लिखा- उस चैम्बर जीवन के लिए जी रहे हैं! मैं मेरी ठीक होने की यात्रा पर हूं और अंततः हाइपरबेरिक ऑक्सीजन थेरेपी का टेस्ट करने का मौका मिला। आप सब क्या सोचते हैं? मैं उन सभी नई तकनीकों को शेयर करने की योजना बना रही हूं जिनके बारे में मैं सीख रही हूं ताकि खुद को ठीक करने में मदद मिल सके और उम्मीद है कि दूसरों को भी मदद मिलेगी।
रकेल रोड्रिगेज को मस्त सेल एक्टिवेशन सिंड्रोम की परेशानी के बावजूद एलिमिनेशन चैंबर प्रीमियम लाइव इवेंट में भाग लेने के उनके साहसी फैसले के लिए फैंस और साथी रेसलर्स ने उनका सम्मान किया। मास्ट सेल्स एक्टिवेशन सिंड्रोम एक रेयर इम्यूनो डिसऑर्डर है। इस बीमारी की वजह से एलर्जी शरीर में हो जाती है, इससे बॉडी में मौजूद मास्ट सेल्स कई ऐसे केमिकल रिलीज करने लगती है जिनसे शरीर के अलग-अलग हिस्सों में एलर्जी हो जाती है। यह एक दुर्लभ बीमारी है, जिसका पूरी तरह से इलाज संभव नहीं है।
More Stories
उदयपुर में एक-दूजे के हुए वेंकट दत्ता साई और पीवी सिंधु, शादी की पहली तस्वीर आई सामने
संजय बांगर और पुजारा ने मेहमान टीम को सलाह दी है कि बाएं हाथ के बल्लेबाज को बड़े रन बनाने से कैसे रोका जाए
रवि शास्त्री ने दिया सुझाव- रोहित नंबर 6 पर खेलते समय अपनी सफेद गेंद की मानसिकता को अपनाएं