
इंदौर
इंदौर में एक विरोध प्रदर्शन के दौरान जुटी भीड़ से सर तन से जुदा का भड़काऊ नारा लगवाने वाले 29 साल के दर्जी को जमानत पर रिहा करने से कोर्ट ने इनकार कर दिया। यह विरोध प्रदर्शन शाहरुख खान की फिल्म पठान के रिलीज होने के दौरान शहर में सामने आए विवाद के बाद किया गया था। अपर सत्र न्यायाधीश सुरेखा मिश्रा ने दोनों पक्षों की दलीलों पर गौर के बाद तौसीफ शेख की जमानत याचिका खारिज कर दी। शेख पेशे से दर्जी है।
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और कोई भी नागरिक देश से बड़ा नहीं है। ऐसी स्थिति में देश में शांति व्यवस्था बनाए रखने का दायित्व प्रत्येक नागरिक का है। अदालत ने कहा कि आरोपी ने जिस प्रकार के नारे लगवाकर दूसरे धर्म के खिलाफ हिंसा और घृणा फैलाए जाने का प्रयास किया है, इससे उसकी देशद्रोही मानसिकता परिलक्षित होती है।
जमानत याचिका पर अदालत में बहस के दौरान अतिरिक्त लोक अभियोजक अभिजीत सिंह राठौर ने प्रदेश सरकार का पक्ष रखा। गौरतलब है कि 25 जनवरी को फिल्म पठान के रिलीज होने के दौरान शहर के कस्तूर टॉकीज परिसर में बजरंग दल के आह्वान पर विरोध प्रदर्शन किया गया था। इस दौरान दक्षिणपंथी कार्यकर्ताओं ने फिल्म के बेशरम रंग गाने में अभिनेत्री दीपिका पादुकोण को कथित रूप से भगवा बिकनी में दिखाने को लेकर तीखा विरोध जताया था।
मुस्लिम पक्ष के लोगों का आरोप है कि बजरंग दल के विरोध प्रदर्शन के दौरान पैगंबर हजरत मोहम्मद के खिलाफ आपत्तिजनक नारा लगाया गया, जिससे उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची। इस कथित नारेबाजी के खिलाफ लामबंद मुस्लिमों ने बड़वाली चौकी में 25 जनवरी को बड़ी तादाद में जुटकर विरोध प्रदर्शन किया था।
पुलिस के मुताबिक इस प्रदर्शन के दौरान सर तन से जुदा की नारेबाजी में शामिल होने के आरोप में अब तक शेख समेत छह लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि कस्तूर टॉकीज परिसर में कथित आपत्तिजनक नारेबाजी को लेकर बजरंग दल के स्थानीय संयोजक तन्नू शर्मा सहित सात लोग गिरफ्तार किए गए हैं।
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