भोपाल
राजधानी की हरियाली को बचाने के लिये वन विभाग ने अब गूगल इमेजनरी से इसको नापने की तैयारी की है। इसके चलते शहर के वनों की स्थिति को जानने और बचाने के लिये योजना बनाई जा रही है। इस समय यह आलम है कि शहर की हरियाली का प्रतिशत तेजी से कम होता जा रहा है जबकि जंगलों में यह यथावत है। इस समय शहर में हरियाली का प्रतिशत 8.9 पर चल रहा है। यह बात भारतीय वन सर्वेक्षण (एफएसआई) संस्थान की रिपोर्ट में सामने आए हैं।
स्थान ने हाल ही में 2021 की रिपोर्ट जारी की है। उधर विशेषज्ञों का कहना है कि एफएसआई की रिपोर्ट भरोसे लायक नहीं है। प्रदेश में इससे ज्यादा जंगल कम हुआ है। यहां दिक्कत यह है कि रेवेन्यू की जमीन पर बने छोटे और बड़े झाड़ के जंगल तेजी से गायब होते जा रहे हैं। इसकी कारण हर साल हजारों पौधों का प्लान्टेशन करने के बाद भी हरियाली का परसेंट कम होता जा रहा है।
यह है खास
- 2 सालों में भोपाल में हरियाली का प्रतिशत 29 परसेंट कम हुआ
- पिछले 15 साल में कटे 6 लाख पेड़।
- 29 प्रतिशत कम हुआ ग्रीन कवर
- सिर्फ बीयू परिसर और स्वर्ण जयंती पार्क में 15 प्रतिशत बढ़ी हरियाली
- एकांत पार्क और शाहपुरा पहाड़ी क्षेत्र में ग्रीन कवर की स्थिति यथावत
क्या कहती है रिपोर्ट
संस्थान देश भर में हरियाली की स्थिति पर हर दो साल में रिपोर्ट जारी करता है। वर्ष 2015 के बाद 2017 में सेटेलाइट की मदद से सर्वे कराया गया था। इस रिपोर्ट के मुताबिक प्रदेश के 51 में से 26 जिलों में हरियाली कम हुई है। इनमें सागर पहले नंबर पर है। वर्ष 2015 की तुलना में जिले में सघन वन एक वर्ग किमी कम हो गया है।
वहीं खुले वन क्षेत्र में 1714 वर्ग किमी की बजाय 1669 वर्ग किमी हरियाली बची है। जबकि रायसेन में सघन वन क्षेत्र में हरियाली बढ़ना बताया जा रहा है। यहां 2015 में 22 वर्ग किमी हरियाली थी और ताजा रिपोर्ट के मुताबिक 23 वर्ग किमी है। वहीं मध्यम घने वन और खुले वन क्षेत्र में हरियाली कम हो गई है।
इनका कहना है
राजधानी के आसपास के जंगलों को बचाने के लिये योजनाबद्ध तरीके से काम किया जा रहा है। गूगल इमेजनरी सिस्टम से इसका मैप बनाया जाएगा और यह देखा जाएगा कि किस एरिया में और काम करने की जरूरत है।
– शिवपाल पिपरदे, रेंजर समरधा रेंज, भोपाल वन मंडल
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