इंदौर
नगर निगम की बैठकों में महिला पार्षदों के बजाए पतियों की मौजूदगी को लेकर निगमायुक्त हर्षिका सिंह ने सख्त रवैया अपना रखा है। दो नंबर विधानसभा क्षेत्र के पार्षदों की बैठक से निगमायुक्त ने तीन पार्षद पतियों को कमरे से बाहर का रास्ता दिखा दिया। वे पार्षदों के बजाए खुद बैठक मेें शामिल होने आ गए थे। निगमायुक्त ने उनसे कहा कि जब दूसरी महिला पार्षद बैैठक मेें आ सकती है तो उन्हें क्या परेशानी है।
पार्षद की जगह उनके पति साइन नहीं कर सकते है। या तो उन्हें बुलाइए या फिर आप बैठक से निकल जाइए। निगमायुक्त का रवैया देख पार्षद पतियों ने बैठक छोड़ना ही उचित समझा।
वार्डों के कामों की समीक्षा को लेकर इन दिनों निगमायुक्त बैठकेें ले रही हैं। गुरुवार को दो नंबर विधानसभा क्षेत्र केे पार्षदों को बुलाया गया था। निगमायुक्त ने सभी पार्षदों से परिचय पूछा। इस बीच तीन पार्षद पतियों नेे अपना परिचय दिया। निगमायुक्त ने कहा कि महिला पार्षदों के बजाए उनके पतियों का बैैठक में आना बर्दाश्त नहीं होगा। यह ठीक नहीं है। इसके बाद उन्होंने पार्षद पतियों को बैठक छोड़कर जाने के लिए कहा। बैैठक मेें वार्ड 30 पार्षद मनीषा गगोरे केे बजाए उनके पति बैठक में आए थे। इसके अलावा वार्ड 18 की पार्षद सोनाली परमार के बजाए पार्षद पति विजय परमार बैठक मेें आए थे।
एक अन्य पार्षद पति भी बैठक में थे। तीनों को निगमायुक्त के सख्त रवैए के कारण बैठक से बाहर जाना पड़ा। इससे पहले निगमायुक्त कांग्रेस पार्षद दल की बैैठक से भी पार्षद पतियों को बैठक छोड़नेे का कह चुकी है। इसके बाद बैैठक मेें दो नंबर केे वार्डों की समस्या, लंबित फाइलों को लेकर चर्चा हुई।
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