भोपाल
हमीदिया अस्पताल का कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट नई और पुरानी बिल्डिंग के बीच तीन टुकड़ों में बांट दिया गया है। ऐसे में हार्ट पेशेंट को इलाज के लिंए इधर से उधर भटकना पड़ रहा है। मरीज को ओपीडी में दिखाने के बाद भर्ती होने के लिए वार्ड तक जाने में 500 मीटर की दूरी तय करनी पड़ रही है। अगर उसे एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी कराने की जरूरत पड़े तो इसके लिए वार्ड से कैथलैब तक जाने के लिए करीब 400 मीटर वापस पुरानी बिल्डिंग में आना पड़ता है। रोज वार्ड से पांच से सात मरीजों को कैथलैब भेजा जाता है।
वार्ड से कैथ लैब जाने में लगते हैं 20 मिनट
ओपीडी में डॉक्टर को लगता है कि मरीज को भर्ती करने की जरूरत है तो उसे नई बिल्डिंग के वार्ड में भेजते हैं। एंजियोग्राफी और एंजियोप्लास्टी की जरूरत पड़े तो कैथ लैब ले जाते हैं। वार्ड से कैथ लैब जाने में 20 मिनट लगते हैं। आने-जाने में मरीजों को कई बार 15 मिनट तक लिफ्ट का इंतजार करना पड़ता है।
डेंगू ने पसारे पांव, एक दिन में मिले 4 मरीज
बारिश में मच्छरों की संख्या बढ़ रही है। मच्छरों का लार्वा भी कई घरों में मिला है। डेंगू के मरीजों की संख्या में इजाफा होने से शहरवासियों को अपने स्तर पर अलर्ट रहना जरूरी हो गया है। मच्छरों से बचाव के साथ लार्वा नियंत्रण किया जाना चाहिए। एक ही दिन में डेंगू के चार मरीज मिले हैं। इसके साथ ही संख्या 142 तक पहुंच गई है।
2021 में जहां 721 मरीज मिले थे तो वहीं 2022 में 675 और 2023 में अभी 142 मरीज मिल चुके हैं। लगातार डेंगू के मरीज सामने आने पर पिछले चार माह में मलेरिया विभाग ने 2.07 घरों की जांच कराई, जिनमें 6. 354 डेंंगू फैलाने वाले लार्वा घरों में पाया गया। जुलाई में 475 घरों से लार्वा नष्ट किया गया था। शहर में संक्रमित मिलने से डेंगू के मरीजों की संख्या 142 तक हो गई है। अगस्त में 23 संक्रमित मिल चुके हैं।
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