बिलासपुर
टूल किट मामले में पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह और बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा को बिलासपुर हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। डिवीजन बेंच ने दोनों के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया आपराधिक प्रकरण नहीं बनता है।
संबित पात्रा और रमन सिंह की ओर से बीजेपी के राज्यसभा सदस्य और अधिवक्ता महेश जेठमलानी, विवेक शर्मा, गैरी मुखोपाध्याय ने पैरवी की। तर्क दिया गया कि यह अभिव्यक्ति की आजादी का हनन है। इस पर कोई आपराधिक मामला नहीं बनता है। कोर्ट ने पुलिस की जांच और कार्रवाई पर रोक लगा दी थी।
यह मामला चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच में लंबित था। बीते 12 सितंबर को हाईकोर्ट ने मामले में अंतिम सुनवाई की थी। याचिकाकतार्ओं के साथ राज्य शासन की तरफ से बहस पूरी हो गई थी। सभी पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा था। 20 सितंबर बुधवार को हाईकोर्ट ने आदेश जारी किया है। हाईकोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए भाजपा नेताओं के खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने का आदेश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि मामले में प्रथम दृष्टया आपराधिक प्रकरण नहीं बनता है।
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