देवास
देवास में पदस्थ जिला खनिज अधिकारी मोहन सिंह खतेड़िया अपने बेटे के नाम से गिट्टी कंक्रीट का प्लांट चला रहा था। यह खुलासा मंगलवार सुबह इंदौर स्थित उनके तुलसी नगर निवास पर लोकायुक्त छापे में हुआ। उनके पास तीन से चार डम्पर होने की भी जानकारी लोकायुक्त पुलिस को मिली है। अनुमान हैं कि वेतन से तीन गुना सम्पत्ति उन्होंने अर्जित कर रखी है।
उनके तुलसी नगर के घर के साथ ही चार जगहों पर कार्रवाई जारी है। टीम तड़के चार बजे उनके बंगले पर पहुंच गई थी। इनके पास कई लक्जरी गाड़ियों के साथ संपत्ति आंकी गई हैं।
उज्जैन में भाई के नाम खरीदी संपत्ति
अधिकारी ने अपने भाई के नाम से भी संपत्ति खरीदी है। इंदौर के पास पीथमपुर में भी उनकी कोई कंपनी बताई जा रही है, यहां पर उनका एक प्लाट भी है। क्रेशर प्लांट देवगुराड़िया में होने की पुष्टि हो चुकी है। वहीं उज्जैन में उन्होंने अपने भाई के नाम से सम्मत्ति खरीदी रखी है, जिसमें किरायेदार रहते हैं। खतेड़िया तीन महीने पहले तक धार जिले में पदस्थ थे। इस दौरान ही लोकायुक्त पुलिस मुख्यालय भोपाल में उनके खिलाफ शिकायत हुई थी। इस शिकायत की जांच इंदौर लोकायुक्त पुलिस के एसपी एसएस सराफ के निर्देशन में की गई। इसके बाद उनके खिलाफ आय से अधिक सम्पत्ति अर्जित करने का प्रकरण दर्ज किया गया।
4 स्थानों पर छानबीन : खनिज अधिकारी के बारे में लोकायुक्त को लंबे समय से शिकायतें मिल रही थीं. इसके बाद लोकायुक्त ने एक टीम बनाई. टीम द्वारा अलसुबह ही जिला खनिज अधिकारी के इंदौर स्थित निवास पर दबिश दी गई. इस दौरान परिवार के सदस्य घर में सो रहे थे. लोकायुक्त की टीम जब दबिश देने पहुंची तो दूध बांटने वाले का कहकर घर के अंदर प्रवेश किया. उसके बाद परिजनों को पूरे मामले की जानकारी दी. लोकायुक्त ने खनिज अधिकारी के 4 ठिकानों पर दबिश दी है. विभिन्न जगहों पर कार्रवाई को अंजाम दिया जा रहा है.
रेडिमिक्स प्लांट बेटे के नाम : बताया जा रहा है कि पीथमपुर में रेडिमिक्स प्लांट के बारे में भी जानकारी लोकायुक्त की टीम को लगी है. जिसकी कीमत करोड़ों रुपये आंकी जा रही है. उसके दस्तावेज उसके बेटे के नाम पर दर्ज है. जांच में सोने-चांदी के जेवरात भी लोकायुक्त की टीम को मिले हैं. खनिज विभाग के अधिकारी के परिवार में उनकी पत्नी के साथ ही एक बेटा और बेटी है. दोनों की शादी हो चुकी है. तीन मंजिला आलीशान बंगले में वह अपने बेटे के साथ ही रहते हैं और वह मूल रूप से झाबुआ के रहने वाले हैं. इसी के साथ परिवार के विभिन्न सदस्यों के नाम विभिन्न बैंक अकाउंट भी लोकायुक्त टीम को मिले हैं. 8 से 10 बैंक अकाउंट मिलने की अभी तक पुष्टि हुई है.
साल 1991 में खनिज विभाग में हुए तैनात : जांच में एक थार गाड़ी के अलावा अन्य दस्तावेज भी लोकायुक्त की टीम के हाथ लगे हैं. लोकायुक्त की टीम को खनिज विभाग के अधिकारी के पास तीन डंपर की भी जानकारी लगी है, जिसकी कीमत डेढ़ करोड़ के आसपास आंकी रही है. आने वाले दिनों में बैंक लॉकर को भी खोलने की बात कही जा रही है. ये खनिज विभाग के अधिकारी सन् 1991 में क्लास टू अधिकारी के रूप में खनिज विभाग में पदस्थ हुए थे. उसके बाद देवास, उज्जैन, धार में ही अपनी सेवाएं दीं और अब 2026 में वह रिटायरमेंट होने वाले हैं. लेकिन पिछले कुछ दिनों से लगातार उनकी शिकायतें लोकायुक्त को मिल रही थीं. डीसीपी लोकायुक्त आनंद यादव का कहना है कि जांच जारी है.
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