
भोपाल
लोकायुक्त संगठन ने उज्जैन के महाकाल लोक कॉरिडोर में तूफान की वजह से सात में से छह सप्तऋषियों की मूर्तियां गिरने की जांच के आदेश दिए हैं। यह आदेश उन्होंने मीडिया रिपोर्टस के आधार पर दिए हैं। लोकायुक्त एनके गुप्ता के निर्देश पर आज शनिवार को तकनीकी टीम मामले की जांच के लिए महाकाल लोक कॉरिडोर पहुंचेगी। इस टीम से लोकायुक्त ने पांच बिंदुओं पर जवाब मांगा जिसमें क्या कॉरिडोर में पत्थर की मूर्तियां लगाने के लिए पैसे बचाए गए और किसने फाइबर रीइन्फोर्स्ड पॉलीमर (एफआरपी) से बनी मूर्तियां लगाने का फैसला किया।
इसके अलावा, टीम यह भी देखेगी कि आपूर्तिकर्ता ने मूर्तियों की गुणवत्ता और उन आधारों की गुणवत्ता बनाए रखी है जिन पर मूर्तियां स्थापित की गई थीं। लोकायुक्त की टीम यह भी पूछताछ करेगी कि कहीं कोई लोक सेवक भ्रष्टाचार में तो शामिल नहीं है। मीडिया रिपोर्ट्स के आधार पर लोकायुक्त ने जांच के आदेश दिए। लोकायुक्त संगठन महाकाल लोक के कॉरिडोर से जुड़े दो अन्य मामलों की पहले से जांच कर रहा है। इसलिए मूर्तियों के गिरने की यह जांच तीसरी होगी।
इनमें से एक मामला एक पार्किंग शेड से जुड़ा है जिसे लोहे की जीआई शीट की जगह पॉलीकाबोर्नेट शीट से बनाया गया है और ऐसा ठेकेदार को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया है। दूसरे मामले में ठेकेदार को सीमेंट कांक्रीट की मोटी परत लगाने की बात कहकर लाभ दिया गया। इन बिंदुओं पर पहले से यहां पर जांच चल रही है।
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