इंदौर
इंदौर में बुधवार रात तक मेट्रो के कोचों के आने की संभावना है। वड़ोदरा के सावली से 23 अगस्त को इंदौर के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग 156 से होकर आ रहे कोच मंगलवार शाम सात बजे तक रतलाम के पास मेवासा गांव तक पहुंचे थे। उसके बाद इंदौर तक इन कोचों को करीब 140 किलोमीटर की दूरी तय करनी है। ये विशालकाय कोच वाले कंटेनर 20 से 30 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति से आ रहे हैं।
मेट्रो प्रबंधन के अधिकारियों के अनुसार बुधवार शाम तक इंदौर के मेट्रो डिपो तक तीनों कोचों के पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है। उल्लेखनीय है कि अलस्टाम कंपनी द्वारा सावली में तैयार किए गए 60-60 टन वजनी तीन कोच अलग-अलग कंटेनर से आ रहे हैं। वड़ोदरा से झाबुआ होकर इंदौर आने वाला मार्ग काफी घुमावदार मोड़ होने से वड़ोदरा से उदयपुर होते हुए सड़क से 800 किलोमीटर की दूरी तय कर कोच इंदौर आ रहे हैं।
कोच अनलोडिंग के लिए पहुंच चुकी है क्रेन
कोचों को पटरी पर पहुंचाने के लिए विशालकाय ‘फोर पाइंट जैक’ क्रेन मेट्रो डिपो में पहुंच चुकी है। इसके माध्यम से कोचों को पटरियों पर ले जाया जाएगा। इनकी अनलोडिंग में 10 दिन का समय लगेगा। कोच को मेट्रो के डिपो में बने स्टेब्लिंग यार्ड में ले जाकर टेस्टिंग ट्रैक पर जांच की जाएगी। उसके पश्चात कोच मेट्रो के वायडक्ट पर पहुंचेंगे। इस तरह 14 सितंबर तक मेट्रो कोच का ट्रायल रन होने की संभावना जताई जा रही है।
ट्रायल रन के दौरान फिलहाल एक ट्रैक का ही होगा उपयोग
गांधीनगर डिपो से सुपर कारिडोर तीन मेट्रो स्टेशन के बीच 5.9 किलोमीटर लंबे वायडक्ट पर मेट्रो का ट्रायल रन होना है। ट्रायल रन के दौरान वायडक्ट की डाउनलाइन पर बिछाई दो पटरियों में से सिर्फ एक का उपयोग किया जाएगा। गांधीनगर डिपो से स्टेशन होते हुए मेट्रो के कोच को सुपर कारिडोर स्टेशन नंबर 3 तक लाया जाएगा। ट्रायल रन के दिन इसी स्टेशन से गांधीनगर स्टेशन की ओर हरी झंडी दिखाकर मेट्रो के तीनों कोच को रवाना किया जाएगा।
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