उज्जैन
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम में चार बार मध्य प्रदेश का जिक्र किया। सबसे पहले उन्होंने शहडोल में 100 कुओं के जरिए बारिश में वाटर रिचार्जिंग का जिक्र किया। इसके बाद उज्जैन में अलग-अलग शैलियों में बन रही पुराणों पर आधारित पेंटिंग के बारे में बताया।
अमेरिका द्वारा भारत को लौटाई गई मूर्तियों में एक मूर्ति का नाता मध्य प्रदेश से है यह भी प्रधानमंत्री ने बताया। वहीं फिर एक बार शहडोल जिले के विचारपुर गांव जिसे मिनी ब्राजील के नाम से जाना जाता है उसका जिक्र करते हुए बताया कि कैसे यह गांव नशे से मुक्त होकर फुटबाल से प्रेम करने लगा।
उज्जैन में बन रहे चित्र
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने रेडिया कार्यक्रम मन की बात में उज्जैन में बन अलग-अलग शैली के चित्रों का जिक्र किया गया। उन्होंने कहा कि एक प्रयास इन दिनों उज्जैन में चल रहा है। यहां देशभर के 18 चित्रकार, पुराणों पर आधारित आकर्षक चित्रकथाएं बना रहे हैं। ये चित्र, बूंदी शैली, नाथद्वारा शैली, पहाड़ी शैली और अपभ्रंश शैली जैसी कई विशिष्ट शैलियों में बनेंगे। प्रधानमंत्री ने कहा कि, इन्हें उज्जैन के त्रिवेणी संग्रहालय में प्रदर्शित किया जाएगा, यानि कुछ समय बाद, जब आप उज्जैन जाएंगे, तो, महाकाल महालोक के साथ-साथ एक और दिव्य स्थान के आप दर्शन कर सकेंगे।
अमेरिका से मिली मूर्ति का मध्य प्रदेश से है नाता
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मन की बात में कहा, ''कुछ दिन पहले इंटरनेट मीडिया पर एक अद्भुत क्रेज दिखा। अमेरिका ने हमें 100 से ज्यादा दुर्लभ और प्राचीन कलाकृतियां वापस लौटाई हैं। इस खबर के सामने आने के बाद इंटरनेट मीडिया पर इन कलाकृतियों को लेकर खूब चर्चा हुई। युवाओं में अपनी विरासत के प्रति गर्व का भाव दिखा। भारत लौटीं ये कलाकृतियां 2500 साल से लेकर 250 साल तक पुरानी हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि इन दुर्लभ चीजों का नाता देश के अलग-अलग क्षेत्रों से है। ये टेरोकोटा, स्टोन मेटल और लकड़ी के इस्तेमाल से बनाई गई हैं। इनमें से कुछ तो ऐसी हैं, जो आपको, आश्चर्य से भर देंगी। आप इन्हें देखेंगे, तो देखते ही रह जाएंगे। इनमें 11वीं शताब्दी का एक खुबसूरत सेंड स्टोन स्कल्पचर भी आपको देखने को मिलेगा। ये नृत्य करती हुई एक 'अप्सरा' की कलाकृति है, जिसका नाता, मध्य प्रदेश से है।
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