इंदौर
बीएड फर्स्ट सेमेस्टर का परीक्षा परिणाम जारी हो चुका है, जिसमें पचास फीसद विद्यार्थियों को एटीकेटी आई है। सैकड़ों विद्यार्थियों को अलग-अलग विषय में जीरो नंबर मिले हैं। इसके चलते विद्यार्थियों ने खराब मूल्यांकन का आरोप लगाया है। मामले में विश्वविद्यालय को शिकायत की गई है।अब अधिकारियों ने जिन विद्यार्थियों को जीरो नंबर मिले हैं, उनकी उत्तरपुस्तिकाओं की सैंपलिंग करवाने का फैसला लिया है। विषय विशेषज्ञों से इन्हें जंचवाया जाएगा। वहीं, बाकी विद्यार्थियों को रिव्यू के लिए आवेदन करना होगा।
बीते साप्ताह जारी हुआ बीएड फर्स्ट सेमेस्टर का 43 प्रतिशत रिजल्ट रहा। 9207 में से 3953 छात्र-छात्राएं पास हुए। पचास फीसद विद्यार्थियों को एटीकेटी आई है। इसके बाद विश्वविद्यालय में लगातार प्रदर्शन चल रहे हैं। अलग-अलग समूह में पहुंचकर विद्यार्थियों ने ठीक से कापियां नहीं जांचने का शिक्षकों पर आरोप लगाया है। उनका कहना है कि नियमित कक्षाएं अटैंड करने के बावजूद शिक्षकों ने कई विषयों में कोई अंक नहीं दिए हैं।
कई जिलों के विद्यार्थियों ने की शिकायत
अधिकांश विद्यार्थी को बाल शिक्षा और भारतीय शिक्षा विषय में जीरो नंबर मिले हैं। ये शिकायतें राजगढ़, खरगोन, खंडवा, झाबुआ के कालेजों में पढ़ाने वाले विद्यार्थियों ने परीक्षा नियंत्रक डा. अशेष तिवारी और परीक्षा विभाग की डिप्टी रजिस्ट्रार रचना ठाकुर से की है। विद्यार्थियों की मूल्यांकन से जुड़ी समस्या को लेकर कुलपति डा. रेणु जैन से चर्चा के बाद विश्वविद्यालय ने तय किया है कि जिन विद्यार्थियों को जीरो नंबर मिले हैं, सिर्फ उनकी कापियों की सैंपलिंग होगी। सैंपलिंग के लिए अलग-अलग विषयों के विशेषज्ञों की पैनल बनाई है, जिन्हें जांचने के लिए उत्तरपुस्तिकाएं दी जाएगी।
30 विद्यार्थियों ने जीरो नंबर की शिकायत की
परीक्षा नियंत्रक डा. तिवारी का कहना है कि 30 विद्यार्थियों ने अलग-अलग विषय में जीरो दिए जाने की बात कही है। उनकी कापियों को जांचेंगे। बाकी विद्यार्थियों को रिव्यू में कापी देखने के लिए कहा गया है। फिर विद्यार्थियों की आपत्तियों की सुनवाई की जाएगी।
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