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4 अप्रैल से बड़नगर में पं. प्रदीप मिश्रा करंगे सुनाएंगे शिवपुराण, पंडाल के साथ बनेगा छोटा अस्पताल भी

उज्जैन
विख्यात शिवपुराण कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा 4 से 11 अप्रैल तक बड़नगर रोड पर होने जा रही है. इस बड़े आयोजन को लेकर तैयारियां भी शुरू हो गई हैं. कथा के लिए 41 एकड़ जमीन आरक्षित कर वहां समतलीकरण का काम शुरू हो गया है. उज्जैन में पंडाल बंगाली डिजाइन में तैयार किया जाएगा, जो पूर्णतः लकड़ी से बनेगा. इसमें 6 लाख लोगों के बैठने की व्यवस्था रहेगी. जरूरत के समय इसे 15 लाख लोगों के बैठने के हिसाब से बढ़ाया जा सकेगा. बंगाली पंडाल डेढ़ लाख वर्ग फीट में बनाया जाएगा.

उज्जैन में पहली बार होने जा रही सीहोर वाले पं. प्रदीप मिश्रा की कथा के लिए नया प्रयोग भी समिति द्वारा किया गया है. यहां पहली बार बंगाली पैटर्न में लकड़ी का पंडाल बनेगा. गर्मी में किसी को परेशानी न हो, इसके लिए जगह-जगह फव्वारे भी लगाए जाएंगे. पं. मिश्रा के सेवादार समीर शुक्ला ने बताया कि कथा में लाखों लोगों के आने की संभावना है. व्यवस्था भी उसी स्तर पर की जा रही है. स्थानीय स्तर पर श्री विट्ठलेश सेवा समिति बनाई है.

कथा स्थल के आसपास मार्ग होने से बाहर से आने वाले भक्तों को भी परेशानी नहीं होगी. जगह का चुनाव करने में विशेष ध्यान रखा गया है. रोड के दूसरे हिस्से में भोजनशाला बनाई जाएगी, जहां 40 हजार लोग रोज भोजन ग्रहण कर सकेंगे. इसके अलावा कथा स्थल के चारों और पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी, ताकि जाम की स्थिति भी न बने. इसके लिए समिति अपने स्तर पर व्यवस्था जुटाएगी, वहीं पुलिस की भी मदद ली जाएगी.

पंडाल खास होगा, छोटा अस्पताल भी बनाएंगे
कथा का समय दोपहर 2 से 5 बजे तक रहेगा. गर्मी अधिक रहने के चलते पंडाल को भी फुली वेंटिलेटेड बनाया जा रहा है. फिर भी कोई परेशानी हो तो छोटा अस्पताल भी बनाया जाएगा. यहां दो डॉक्टर कथा के दौरान मौजूद रहेंगे, वहीं पंडाल के आसपास इमरजेंसी रोड भी बनाई जाएगी. आपात स्थिति में किसी को भी तत्काल अस्पताल पहुंचाया जा सकेगा.

जल्द गठित होगी उपसमितियां, अलग-अलग जिम्मेदारी देंगे
स्थानीय स्तर पर श्री विठ्ठलेश सेवा समिति के गठन के बाद अब उप समितियों को गठित की जाएंगी. इनमें पेयजल समिति, भोजन समिति, पंडाल समिति, यातायात समिति, प्रशासनिक समन्वय समिति, स्वास्थ्य समिति प्रचार समिति होगी. महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए पंडाल समिति, पेयजल समिति और भोजन समिति की जिम्मेदारी इन्हें ही दी जाएंगी. दूसरी ओर बाहर से आने वाले यजमानों के लिए दो होटल भी आरक्षित कर ली है, जहां पूजा-पाठ होगा और नवग्रह स्थापित किए जाएंगे. इसके अलावा बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए धर्मशालाओं से बात की जा रही है.

गर्मी को देखते हुए की जा रही विशेष व्यवस्था
समिति के अध्यक्ष प्रकाश शर्मा ने बताया कि गर्मी को देखते हुए विशेष प्रबंध किए जा रहे हैं. सभी को पीने का पानी मिले. इसके लिए जगह-जगह पानी की टंकियां रखी जाएंगी. वहीं गर्मी में किसी को परेशानी न हो, इसके लिए फव्वारे भी लगाए जाएंगे. व्यवस्था को देखते हुए 12 उप समितियों का गठन करने का भी काम किया जा रहा है.