बिलासपुर
आपात्कालीन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए ट्रेन की बोगियों में जंजीर की सुविधा दी जाती है, जिसे खींचकर कहीं भी ट्रेन को रुकवाया जा सकता है। कुछ लोगों द्वारा इस सुविधा का गलत उपयोग करते हुये चलती गाड़ी मे जंजीर खींचकर घबराहट मे उतरने का प्रयास के कारण गिरने से दुर्घटनाएं भी हो जाती है।इससे जान माल की क्षति होती है।
लोग अपने सगे संबंधी को स्टेशन छोडने के क्रम मे गाड़ी मे चढ़ जाते हैं और गाड़ी खुलने के बाद जंजीर खींचकर उतरने का प्रयास करते हैं। अपने घर के नजदीक उतरने हेतु भी कई बार स्टेशन पर गाड़ी पहुँचने के पूर्व भी लोग जंजीर खींचते हैं। साथ ही ऐसी जगह जिस स्टेशन पर ट्रेन का ठ्हराव नहीं है, वहाँ भी लोग ट्रेन की जंजीर खींचकर गाड़ी रोकने का प्रयास करते हैं। यह घटना कभी भी गंभीर दुर्घटना मे तब्दील हो सकती है। साथ ही इससे गाड़ियों में यात्रा कर रहे दूसरे यात्रियों को परेशानी तो होती ही है इससे ट्रेन के आवागमन एवं समयबद्धता भी प्रभावित होती है।
रेलवे अधिनियम के तहत उचित और पर्याप्त कारण के बिना जंजीर खींचना एक दंडनीय अपराध है। महिला व दिव्यांगों के लिए आरक्षित कोचों में अनाधिकृत व्यक्तियों का यात्रा करना एवं गाड़ियों के पायदान पर यात्रा करना भी अपराध की श्रेणी में आता है इसके लिए जागरूकता अभियान के साथ ही रेलवे सुरक्षा बल द्वारा इनके विरुद्ध कानूनी कार्यवाही भी की जाती है। इसी संदर्भ में रेलवे सुरक्षा बल बिलासपुर मंडल द्वारा ऐसी अवांछित गतिविधियों की रोकथाम बावत आरपीएफ द्वारा अभियान चलाकर माह जनवरी में चैन पुलिंग के 98 मामले पंजीबद्व किये गये तथा महिलाओं हेतु आरक्षित कोचों में अभियान चलाकर कुल 73 पुरूष यात्रियों एवं गाडी के पायदान में यात्रा करते 26 यात्रियों के विरूद्व रेलवे एक्ट के तहत कार्यवाही की गई है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2022 में अनावश्यक चैन पुलिंग करने वालों के विरुद्ध लगातार कार्यवाही की गई तथा विभिन्न गाडियों में चैन पुलिंग के कुल 942 आरोपियों को गिरफतार कर माननीय रेलवे न्यायालय मे पेश किया गया एवं न्यायालय द्वारा 5 लाख 93 हजार 655 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया है। इसी प्रकार महिलाओं हेतु आरक्षित कोचों में अभियान चलाकर कुल 995 पुरूष यात्रियों एवं दिवयांगों हेतु आरक्षित कोचों में कुल 114 अनाधिकृत व्यक्तियों के साथ ही गाडी के पायदान में यात्रा करते 28 यात्रियों के विरुद्ध रेलवे एक्ट के तहत कार्रवाई कर माननीय रेलवे न्यायालय मे पेश किया गया तथा न्यायालय द्वारा 1 लाख 53 हजार 530 रुपए के अर्थदंड से दंडित किया गया।
वर्तमान में रेलवे सुरक्षा बल और वाणिज्य विभाग द्वारा यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर गाड़ियों के पायदान में यात्रा नहीं करने के प्रति जागरूकता अभियान जारी है। यात्रियों से आग्रह कि पायदान पर यात्रा न करें यह जानलेवा हो सकता है।
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