भोपाल
मध्य प्रदेश वासियों के लिए खुशखबरी है, जल्द ही मध्य प्रदेश में साड़ी वॉकथॉन का आयोजन किया जाएगा, जिसमें चंदेरी-माहेश्वरी और बाघ प्रिंट का विशेष रूप से प्रदर्शन किया जाएगा। खास बात ये है कि प्रदेश की मोहन सरकार की इस पहल में केन्द्र का भी सहयोग मिलेगा। इससे देशभर में मध्यप्रदेश के हैंडलूम को एक अलग पहचान मिलेगी।
एमपी में होगा ‘साड़ी वॉकथॉन’, केन्द्र का भी मिलेगा सहयोग
सीएम डॉ. मोहन यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा है कि विगत दिनों केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल से नई दिल्ली में सौजन्य भेंट की और उन्हें बताया कि हैंडलूम मध्यप्रदेश की पहचान रही है। विश्व स्तर पर इसे अधिक प्रभावी बनाने तथा निखारने के लिए ‘साड़ी वॉकथॉन’ का आयोजन किया जाएगा। जिसमें प्रदेश की चंदेरी, माहेश्वरी और बाघ प्रिंट का विशेष रूप से प्रदर्शन होगा।
सीएम डॉ. मोहन यादव ने जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश की इस पहल में केंद्र सरकार भी सहयोग देगी। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से इस पर सहमति प्राप्त हुई है। इसके साथ ही केंद्रीय गोयल ने प्रदेश में टेक्सटाइल सेक्टर को विस्तार देने और कौशल उन्नयन के लिए भी अनेक कार्यों की स्वीकृति दी है।
देश-विदेश में प्रसिद्ध है चंदेरी-महेश्वरी साड़ियां
बता दे कि मध्यप्रदेश की चंदेरी, महेश्वरी साड़ियों के अलावा बाघ प्रिंट की साड़ियां देश-विदेश में प्रसिद्ध है, खास करके विदेशों में भी इसकी बड़ी डिमांड है।। चंदेरी साड़ी को केले के छाल के रेशे निकालकर बुनाई की जाती है। वर्क के हिसाब से एक साड़ी को बनाने में दो महीने तक का समय भी लग जाता है। साड़ियों पर प्रिंट भी हाथ से ही की जाती है।वही नर्मदा नदी के तट पर बसे माहेश्वर की महेश्वरी साड़ियों की भी अलग पहचान है।चंदेरी साड़ियों की ही तरह माहेश्वरी साड़िया अत्यंत बारीक सूत से बुनी जाती है, इनकी चेकनुमा बुनावट है भी लोगों को खूब आकर्षित करती है। इसी तरह बाघ प्रिंट भी लोगों के मन को खूब लुभाती है।
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