भोपाल
नंदनकानन के अलावा दुनिया में कई ऐसे जू हैं, जहां आप बाघ को कांच के केबिन से देख सकते हैं। राजधानी में अभी वन विहार में आप वन्य जीवों को देख सकते हैं, लेकिन 50 मीटर दूर से। जल्द ही आप बाघ, सिंह जैसे जंगली जानवरों को न केवल देख सकेंगे, बल्कि उनके साथ सेल्फी भी ले सकेंगे।
दरअसल, भोपाल फॉरेस्ट सिर्कल के अंतर्गत भोपाल-रायसेन बॉर्डर पर चिड़ियाटोल खरबई में 50 हेक्टेयर में एक चिडियाघर और रेस्क्यू सेंटर बनेगा। इसके लिए केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय और चिडियाघर प्राधिकरण ने मंजूरी दे दी है। इको टूरिज्म बोर्ड, भोपाल फॉरेस्ट सिर्कल ने ये प्रोजेक्ट 2016 में बनाया था, जो अब मूर्त रूप लेगा। इसे ओडिशा के नंदनकानन चिडियाघर और मुकुंदपुर सफारी जैसा ही बनाया जाएगा। यहां विदेशी प्रजाति के वन्य जीव भी रखे जाएंगे। हिप्पो, जेब्रा, जिराफ भी देखने को मिलेंगे। इसके लिए 1.85 करोड रु . का बजट रखा गया है।
4 तरह की होंगी सफारी, तेंदुओं का भी इंक्लोजर
भोपाल फॉरेस्ट सिर्कल के सीसीएफ राजेश खरे के मुताबिक इस चिडियाघर-रेस्क्यू सेंटर में चार तरह की सफारी कर सकेंगे। टाइगर, लॉयन, बियर और डियर सफारी। तेंदुओं के लिए अलग इंक्लोजर रहेगा। स्लॉथ भालू, सीवेट, आटर, रेटल, इंडियन गौर, चीतल, बारासिंगा, चिंकारा और चार सौ से अधिक काले हिरण रखे जाएंगे। इसके अलावा घिडयाल, मगरमच्छ, कछुआ और मॉनिटर लिजर्ड भी रहेंगे।
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