भोपाल
राजधानी का सबसे बड़ा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल बीएमएचआरसी में मर्ज लाइलाज हो गया है। यहां कार्डियोलॉजी विभाग पूरी तरह बंद हो गया है। अस्पताल में पहले से ही आकोलॉजी और नेफ्रोलॉजी विभाग बंद पडे हुए हैं। कैंसर और किडनी और पेट के मरीजों को इलाज के लिए निजी अस्पतालों में परेशान होना पड़ रहा है। बीएमएचआरसी में 18 डॉक्टरों के लिए वेकेंसी निकाली थीं जिसमें से मात्र 3 ने ही ज्वॉइन किया है। यानि यहां चिकित्सा सेवाएं बिगड़ रही हैं, अस्पताल से डॉक्टर नौकरी छोड़ रहे हैं।
40 की जरूरत, मात्र 12 कंसंलटेंट: डॉक्टरों की कमी के चलते अभी भी महत्वपूर्ण 8 विभाग बंद ही पड़े हुए हैं। अस्पताल में 40 कसंलटेट डॉक्टरों की जरूरत है, लेकिन यहां सिर्फ 12 डॉक्टर ही पदस्थ हैं। इसके चलते काम के बोझ के चलते यहां से डॉक्टर अब धीरे- धीरे नौकरी छोडकऱ जाने लगे हैं। अभी हाल ही में दो डॉक्टर छोड़कर जा चुके हैं।
यह विभाग बंद
हार्ट का बाइपास
कैंसर
सर्जिकल
किडनी
गैस्ट्रो मेडिसिन
न्यूरोलॉजी
नेफ्रोलॉजी
डॉक्टरों की कमी से अस्पताल में कई विभाग बंद पड़े हुए हैं। मरीजों को इलाज तक नहीं मिल रहा है। इसी मामले में कोर्ट में 17 मार्च को पेशी है। कुल मिलाकर हर मामले में प्रबंधन फेल नजर आ रहा है।
–रचना ढींगरा, सदस्य, भोपाल ग्रुप फॉर इनामॉर्मेशन एंड एक्शन
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