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उज्जैन
सावन माह के 5वें सोमवार को उज्जैन के प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में सुबह-सुबह भगवान शिव की भस्म आरती पूरे रीति-रिवाज के साथ की गई। 'भस्म आरती' (राख से अर्पित करना) यहां का एक प्रसिद्ध अनुष्ठान है और यह सुबह लगभग 3:30 से 5:30 बजे के बीच 'ब्रह्म मुहूर्त' के दौरान किया जाता है।
भस्म आरती करने से पहले मंदिर के पुजारियों ने भगवान शिव को दूध, दही, शहद, चीनी और फलों का रस अर्पित किया। इसके बाद, भगवान को चंदन, अबीर, गुलाल, सूखे मेवे और अन्य प्रसाद से सजाया गया। इसके साथ ही, कई भक्तों ने पांचवीं तारीख को नई दिल्ली के चांदनी चौक में प्रसिद्ध गौरी-शंकर मंदिर में देवता की पूजा भी की।
'सावन' जिसे 'श्रावण' के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू चंद्र कैलेंडर का पांचवां महीना है, और इसे सबसे पवित्र महीनों में से एक माना जाता है। इस अवधि के दौरान प्रत्येक सोमवार को व्रत रखने और भगवान शिव का आशीर्वाद लेने के लिए अत्यधिक शुभ समय माना जाता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, श्रावण मास भगवान शिव का पसंदीदा महीना माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस अवधि में भगवान शिव की पूजा करने से व्यक्ति को अपनी परेशानियों से तुरंत राहत मिलती है। इस साल सावन 4 जुलाई से 31 अगस्त तक 59 दिनों तक चलेगा।
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