
जगदलपुर
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल का 84वां स्थापना दिवस पहली बार छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले के करनपुर कैंप में सीआरपीएफ कोबरा के 201/204 बटालियन के परेड मौदान में मना रही है। मध्यप्रदेश, दिल्ली और जम्मू कश्मीर के बाद छत्तीसगढ़ में सीआरपीएफ अपना 84वां स्थापना दिवस मना रही है। सीआरपीएफ के 2249 शहीद जवानों को श्रद्धांजलि देकर कार्यक्रम की शुरूआत की गई। इस दौरान अलग-अलग सेक्टर के नार्थ सेक्टर, मणिपुर, नागालैंड सेक्टर, कोबरा सेक्टर, साउथ सेक्टर, वेस्ट बंगाल सेक्टर, छत्तीसगढ़ सेक्टर के जवानों ने परेड किया। सलामी गृहमंत्री अमित शाह ने ली। डॉग शो, बाइक से स्टंट और नाट्य रूपांतरण करके फोर्स के कामों को भी दिखाया गया। जवानों को संबोधित करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने सीआरपीएफ के 84वें स्थापना दिवस पर बधाई देते हुए कहा कि सीआरपीएफ देश की शांति और सुरक्षा का मजबूत आधार बन गया है, आंतरिक सुरक्षा में सीआरपीएफ जवानों की अहम भूमिका है इसलिए आज हम बस्तर में स्थापना दिवस समारोह मना रहे हैं।
गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि सीआरपीएफ का जन्म लौह पुरुष सरदार पटेल ने किया था। एक बटालियन से शुरू हुई सीआरपीएफ आज देश के सभी कोने में मौजूद है। अगर कहीं से अप्रिय घटना की खबर आती है और फिर पता चलता है कि वहां सीआरपीएफ की टीम पहुंच जाती है, तो मेरी चिंता खत्म हो जाती है, क्योंकि मैं जानता हूं जहां सीआरपीएफ है, वहां सब कुछ अच्छा होगा। उन्होने कहा कि इतिहास में सीआरपीएफ का अहम योगदान है। सीआरपीएफ की बदौलत आज नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई अंतिम चरण में है, आदिवासी भाइयों को जवानों ने दवाई से लेकर सभी सुविधाएं मुहैया कराई है।
अमित शाह ने कहा कि जम्मू-कश्मीर से लेकर सुदूर के जनजातीय इलाकों तक शांति एवं विकास के कार्यों को स्थापित करने में सीआरपीएफ के जवानों ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। वर्ष 2010 की तुलना में देश में वामपंथी उग्रवाद हिंसा की घटनाओं में 76 प्रतिशत की गिरावट हुई है। इसी का नतीजा है कि इससे होने वाली मौतों में 78 प्रतिशत की कमी आई है। अमित शाह ने कहा कि वामपंथी नक्सलवाद और उग्रवादियों की आर्थिक स्त्रोत को रोकने के लिए हमने एनआईए और ईडी को सक्रिय किया है, जिससे अपराधियों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है जिसकेपरिणाम स्वरूप आज नक्सलियों की कमर टूट गई है।
उन्होने कहा कि कोरोना काल में सीआरपीएफ की जहां तैनाती थी। वहां जनता की सेवा अपने आदर्श वाक्य सेवा और निष्ठा से काम किया है। अस्पताल में भर्ती कराने से लेकर सभी तरह की जरूरत पूरी करने में अहम भूमिका निभाई है। अमित शाह ने जवानों तथा शहीद जवानों की पत्नियों को वीरता पुरस्कार से सम्मानित करके उनका हौसला बढ़ाया। इस दौरान सीआरपीएफ के डीजी डॉ. सुजॉय लाल थाउसेन सहित कई आला अधिकारी भी मौजूद हैं।
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