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उच्च शिक्षा विभाग का मार्कशीट का उचित सत्यापन नहीं, फर्जी मार्कशीट से प्रवेश में आसानी

भोपाल

प्रदेश के बीएड, एमएड, बीपीएड और एमपीएड के एनसीटीई कोर्स के साथ यूजी-पीजी कालेजों में विद्यार्थी फर्जी मार्कशीट से प्रवेश आसानी से मिल सकेगा। उनके प्रवेश निरस्त भी नहीं किए जाएंगे। इसकी वजह उच्च शिक्षा विभाग द्वारा मार्कशीट का उचित मापदंडों के मुताबिक सत्यापन नहीं करना है। यह स्थिति सिर्फ बरकतउल्ला विश्वविद्यालय नहीं बल्कि अन्य विवि के कालेजों तक बनेगी।

विभाग को आगामी सत्र 2023-24 की प्रवेश प्रक्रिया शुरू करने के लिऐ सत्यापन के उचित मापदंड तैयार करना होंगे। ऐसा नहीं करने पर कई फर्जी मार्कशीट के दम पर कालेज में कई प्रवेश होने की संभावना है।  उत्तर प्रदेश और बिहार की फर्जी मार्कशीट लगाकर गत वर्ष बीएड, एमएड, बीपीएड और एमपीएड में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों को बीयू ने मूल मार्कशीट जमा करने का नोटिस दिया है। वे मार्कशीट नहीं दे सके, जिसके कारण आज भी उनके प्रवेश अटके हुए हैं। वर्तमान में कुछ ऐसे ही प्रकरण बीयू में पहुंचे हैं।

एक सत्र बीतने को है, लेकिन विद्यार्थियों ने अभी तक अपनी मूल मार्कशीट नहीं भेजी हैं। यहां तक कालेजों को भी कई बार नोटिस देकर तलब किया गया। इसके बाद भी प्रवेश पुख्ता नहीं हो सके हैं। ऐसी ही एक फर्जी मार्कशीट धर्मस्थल मंजूनाथेश्वर कालेज और इंजीनियरिंग एंड टेक्नालाजी कर्नाटक की बीयू में धूल खा रही है।

मप्र से डिग्री करना आ रहा रास
यूपी, बिहार के अलावा में एनसीटीई कोर्स सहित अन्य कोर्स संचालित करने वाले कालेजों की संख्या बहुत कम है। इसके बाद उनकी फीस बहुत ज्यादा है। इसके चलते उन्हें मप्र में प्रवेश लेकर डिग्री काफी आसान पडता है। इसके अलावा कालेज उन्हें उपस्थिति की सुविधा देते हैं। मतलब वे बिना कालेज आये प्रवेश के बाद सीधे परीक्षा देने आ सकते हैं। इसके कारण उन्हें मप्र से डिग्री करना काफी रास आता है।

सत्यापन में क्यों नहीं पकडा फर्जीवाडा
बीयू अधिकारियों का सीधा आरोप है कि विभाग एनसीटीई कोर्स और यूजी-पीजी की काउंसलिंग कराता है। उनके दस्तावेज के सत्यापन की जिम्मेदारी प्रोफेसरों की है। वे कुछ समय अपने दायित्वों को देखकर फर्जी मार्कशीट को सत्यापित कर प्रवेश आवंटित करा देते हैं। बीयू अधिकारियों का कहना है कि विभाग को फर्जी मार्कशीट का कारोबार रोकने के लिये सख्त कदम उठाना होंगे।